सार
सिख दंगों की जांच कर रही एसआईटी ने 2 और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान वजीर सिंह और सतनाम सिंह उर्फ सिम्मी के रूप में हुई है। पहले भी इस मामले में कई आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं।
कानपुर: सिख दंगों की जांच कर रही एसआईटी ने अरमापुर स्टेट में छापेमारी की। यहां से दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इसी के साथ गिरफ्तार होने वाले आरोपितों की संख्या लगभग 33 पहुंच गई है। आपको बता दें कि 1984 में सिख दंगों में अरमापुर स्टेट ऑर्डनेंस फैक्ट्री पर भी हमला हुआ था। जहां दंगाइयों ने सिख समुदाय के वजीर सिंह और सतनाम सिंह उर्फ सिम्मी को जान से मार दिया था। उस मामले में फैक्ट्री के सिक्योरिटी सुपरवाइजर देवी दत्त उपाध्याय ने अरमापुर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी।
किदवई नगर तिहरे हत्याकांड में भी 5 लोगों को किया था गिरफ्तार
इस मामले को लेकर एसआईटी ने आवास विकास पनकी 3 के निवासी बृजेश दुबे और बी ब्लॉक पनकी के रहने वाले राजेंद्र कुमार जायसवाल उर्फ गुड्डू को गिरफ्तार कर लिया है। इन दोनों को ही गिरफ्तारी के बाद एसआईटी कोर्ट में पेश किया गया। वहां से दोनों को जेल भेजा गया। ज्ञात हो कि इससे पहले भी एसआईटी कई लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है। टीम ने किदवई नगर इलाके में हुए तिहरे हत्याकांड को लेकर 5 और लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार पांच लोगों की पहचान अनिल कुमार, राम उर्फ बग्गड़, अब्दुल वहीद और इरशाद के रूप में हुई थी। गिरफ्तार आरोपितों की उम्र 60 साल के ऊपर बताई जा रही है।
सरकार की ओर से गठित एसआईटी कर रही जांच
31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद शहर में दंगे हुए और 127 सिखों की हत्या कर दी गई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2019 में सरकार की ओर से गठित एसआईटी ने पिछले तीन सालों से शहर में सिख विरोधी दंगों की जांच कर रही है। जांच दल ने 96 लोगों की पहचान प्रमुख संदिग्धों के रूप में की है, इसमें से 23 की मौत हो गई है। मामले में अधिकारियों ने 3 दर्जन से अधिक संदिग्धों का विवरण भी एकत्र कर लिया है। इससे एसआईटी को 27 लोगों को पकड़ने में मदद मिली है।