सार

आगरा के एक अस्पताल में छापेमारी के दौरान टीम हैरान रह गई। अस्पताल के भीतर महिला मरीज और तीमारदार को बाथरूम में बंद कर छिपाया गया था। कमरे के बाहर लगा ताला तोड़े जाने के बाद यह सच्चाई सामने आई। 

आगरा: के आर. मधुराज हॉस्पिटल में आग लगने की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा अस्पतालों में छापेमारी की जा रही है। इस बीच एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जनपद के एक अस्पताल में स्टाफ ने महिला मरीज और उसके तीमारदार को बाथरूम में ही बंद कर दिया। अस्पताल के बाहर भी ताला लगा दिया गया। अफसरों ने जब इस ताले को तुड़वाया तो वह भी हैरान रह गए।

अस्पताल को पहले ही मिल गई थी छापेमारी की सूचना
आपको बता दें कि मलपुरा स्थित रघुवंशी हॉस्पिटल के संचालकों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से छापेमारी की सूचना पहले ही मिल गई थी। जब टीम वहां पर पहुंची तो मेन गेट अंदर से बंद था। अस्पताल के बाहर का बोर्ड भी गायब था। देर तक खटखटाने के बाद एक महिला ने दरवाजा खोला तब टीम अंदर जा सकी। टीम ने अंदर पहुंचकर देखा तो बेड पड़े हुए थे और मेडिकल उपकरण थैले में पैक थे। इसके बाद टीम द्वितीय तल पर पहुंची। यहां एक दरवाजे के बाहर ताला लगा हुआ था। ताला टूटने पर देखा गया कि बाथरूम में महिला मरीज और दो तीमारदार बंद थे। मरीज ने बताया कि मंगलवार को हुई प्रसव पीड़ा के बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बुधवार को ऑपरेशन हुआ लेकिन नवजात की मौत हो गई। अभी मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया गया था।

अस्पताल के खिलाफ दर्ज करवाया गया मुकदमा
तीमारदारों ने कहा कि तकरीबन आधे घंटे पहले उन्हें बाथरूम में बंद कर दिया गया था। मरीज की खराब हालत को देखते हुए टीम ने उसे लेडी ऑयल महिला जिला चिकित्सालय भेजवाया। इसी के साथ टीम अस्पताल से एक महिला और एक पुरुष को भी अपने साथ में ले गई। थाने में महिला मरीज के परिजनों के द्वारा एक तहरीर भी दिलवाई गई। इस तहरीर में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ बंधक बनाने की बात कही गई। डिप्टी सीएमओ डॉ. पीयूष जैन ने जानकारी दी कि अस्पताल रघुवंशी हॉस्पिटल के नाम से संचालित था। अस्पताल का बोर्ड भी हटा दिया गया था। मामले में अस्पताल संचालक अजय रघुवंशी, स्टाफ पूनम समेत चार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। 

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