सार
अयोध्या में श्रीरामलला का गर्भगृह धीरे-धीरे आकार ले रहा है। अयोध्या में पूरे परिसर को राममय बनाने के लिए निए नई योजनाओं पर काम चल रहा है। इस बीच मंदिर के 500 साल के इतिहास पर एक फिल्म भी बनाई जा रही है।
अयोध्या: श्रीरामलला का गर्भगृह धीरे-धीरे आकार ले रहा है। इसी के साथ पूरे परिसर को आकर्षक और राममय बनाने की योजना पर नित-नई योजनाओं पर काम किया जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक मंदिर के चारों ओर के प्लेटफार्म के लोवर प्लिंथ यानी मंदिर के नीचे की फर्श के चारों ओर भगवान राम के जीवन प्रसंगों की 100 मूर्तियां लगाई जानी है। हर एक मूर्ति 6 फीट लंबी ,5 फीट ऊंची और ढाई फीट मोटी होगी। उन्होंने बताया बाल्मीकि रामायण से 300 प्रसंग छांटे गए थे। अंत में ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने 100 प्रसंगों स्वीकार कर लिया है। उन्होंने बताया जल्द ही मूर्तियां बननी शुरू हो जाएंगी। लेकिन यह कब तक बनकर तैयार हो पाएंगी यह अभी बता पाना मुश्किल है।
मंदिर के इतिहास पर बनने वाली फिल्म में अमिताभ बच्चन देंगे आवाज
चंपत राय ने बताया मंदिर के 500 साल के इतिहास पर दूरदर्शन के द्वारा एक फिल्म बनाई जानी है। इस काम का भी कोऑर्डिनेशन डॉ सच्चिदानंद जोशी करेंगे ।उनके साथ डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी है। जिन्होंने चाणक्य बनाया है । फिल्म में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की आवाज सुनाई देगी। उन्होंने बताया इन लोगों ने अपनी निशुल्क सेवाएं देने की बात कही है। फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने और पढ़ने के लिए फिल्म सेंसर बोर्ड के प्रसून जोशी होंगें। इस तरह लगभग 5 से 6 लोगों की टीम बन गई है। साथ ही अयोध्या राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के पुत्र प्रख्यात साहित्यकार यतींद्र मोहन मिश्र भी प्लिंथ के चित्रण और स्वयं की सेवाएं निशुल्क देने की बात कही है।
2000 साल पहले की टेक्निक से बाउंड्री वॉल पर उकेरे जाएंगे 150 चित्र
चंपत राय ने बताया परकोटा यानी बाउंड्री वॉल में भी भगवान राम के जीवन प्रसंगों के 150 चित्र बनाए जाएंगे। इस काम में माहिर लोगों को जिम्मेदारियां सौंप दी गई हैं। उन्होंने बताया लोगों की राय है कि 2000 साल पहले जिस मटेरियल से अजंता एलोरा का चित्रण हुआ है। उस माध्यम का प्रयोग किया जाए। इसके लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी को कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। उनके साथ मुंबई के कलाकार कामत भी जुड़े हैं। उन्होंने बताया मंदिर का परकोटा चारों दिशाओं में आयताकार 14 फीट चौड़ा होगा। श्रद्धालुओं को 800 मीटर पैदल चलना पड़ेगा। चार कोनों पर चार मंदिर बनेंगे। उत्तर और दक्षिण दिशा के बीच 1-1 मंदिर और बनाया जाएगा। कुल मिलाकर 6 मंदिर परकोटा में बनेंगे।
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