सार

आजम खान के विवादित बयान को अखबारों में पढ़ने के बाद उससे क्षुब्ध होकर सुल्तानपुर के कोतवाली नगर थाना अंतर्गत शिवपुरी निवासी ज्ञानेंद्र तिवारी ने एक परिवाद कोर्ट में दायर किया था।

सुल्तानपुर:  सीतापुर जेल में बंद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब सुल्तानपुर की सेशन कोर्ट ने आठ साल पुराने मामले को लेकर तलब किया है। इस मामले में 14 जून को अगली सुनवाई होगी।

सुल्तानपुर निवासी ने कोर्ट में दायर किया मुकदमा  
गौरतलब है कि जौहर विश्वविद्यालय में मुलायम सिंह यादव के जन्मोत्सव पर आजम खान ने भव्य आयोजन किया था। आरोप के मुताबिक मीडिया कर्मियों के जरिए खर्च का ब्यौरा पूछने पर नगर विकास मंत्री रहे आजम खां ने कहा था कि 'तालिबानी संगठन, दाऊद इब्राहिम व अबु सलेम के फंड से अनुदान मिला है'। जिसके बाद उनके इस बयान खूब चर्चा बटोरी, ये बयान 22 नवम्बर 2014 को दिया था।  आजम खान के विवादित बयान को अखबारों में पढ़ने के बाद उससे क्षुब्ध होकर सुल्तानपुर के कोतवाली नगर थाना अंतर्गत शिवपुरी निवासी ज्ञानेंद्र तिवारी ने एक परिवाद कोर्ट में दायर किया था।

कोर्ट ने परिवाद को किया था निरस्त
कोर्ट में परिवाद दाखिल करते हुए ज्ञानेंद्र ने कहा था कि "आजम खान का यह बयान देश-समाज के लिए घातक है। उन्हें तलब कर दण्डित किए जाने की उन्होंने मांग की थी। इस मामले में परिवादी ज्ञानेंद्र तिवारी का बयान दर्ज होने के बाद अन्य साक्षियों के बयान में पत्रावली चल रही थी। तारीख पर पैरवी न होने की वजह से 4 जनवरी 2016 को तत्कालीन एसीजेएम-पंचम की कोर्ट ने परिवाद को निरस्त कर दिया था। परिवाद खारिज होने के करीब छह साल बाद ज्ञानेंद्र ने कोर्ट के जरिए निरस्त करने के सम्बन्धी हुए आदेश को जिला जज की अदालत में चुनौती दी।'

14 जून को होगी अगली सुनवाई 
परिवादी ज्ञानेन्द्र तिवारी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पूर्व अधिवक्ता के जरिए सही सूचना न देने की बात कहकर निगरानी पेश करने में देरी को आधार बताया। ज्ञानेंद्र ने अपने नए अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय के माध्यम से जिला जज की अदालत में फौजदारी निगरानी दाखिल कर मजिस्ट्रेट कोर्ट आदेश को निरस्त कर पुनः विधि अनुसार सुनवाई करने की मांग की है। मामले में अगली सुनवाई 14 जून को होगी।

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