सार
यूपी के जिले बदायूं में शनिवार की सुबह मूसाझाग थाना इलाके में विश्व हिंदू सेवा दल के जिलाध्यक्ष प्रदीप कश्यप की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह थाना इलाके के गांव गिधौल के रहने वाले थे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
बदायूं: उत्तर प्रदेश के जिले बदायूं में शनिवार की सुबह हत्या का मामला सामने आया है। यह हत्या विश्व हिंदू सेवा दल के जिलाध्यक्ष की हुई है। उनका शव सुबह खेतिहर इलाके में गांव से करीब डेढ़ किमी की दूरी पर मिला है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि उनकी सफारी गाड़ी भी शव के पास ही थी और कुछ दूरी पर तमंचा भी पड़ा हुआ था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। दूसरी ओर गांव के विरोधी पक्ष के खिलाफ वीएचपी जिलाध्यक्ष के परिजन तहरीर दे रहे है।
कोटा वितरण को लेकर एक साल पहले हो चुका था विवाद
जानकारी के अनुसार शहर के थाना मूसाझाग थाना क्षेत्र के गांव गिधौल का मामला है। यहां के निवासी प्रदीप कश्यप (35) विश्व हिंदू सेवा दल के जिलाध्यक्ष थे। शुक्रवार की देर रात उनकी हत्या कर दी गई। यह वारदात तब हुई जब वह अपने घर लौट रहे थे। आरोपियों ने रास्ते में ही उनको घेरा और वारदात को अंजाम दे डाला। ऐसा बताया जा रहा है कि गांव के राशन डीलर मानसिंह का गांव में रहने वाले धीरेंद्र व उसके भाई फुलवारी से कोटा वितरण के समय एक साल पहले विवाद हो चुका था। इस विवाद के बाद दोनों में रंजिश चलने लगी।
मृतक नेता को दोनों भाइयों ने पीटते हुए दी थी जान से मारने की धमकी
दोनों पक्षों में कुछ दिन पहले ही कहासुनी हुई तो राशन डीलर मानसिंह ने इसकी शिकायत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से की जबकि इंस्पेक्टर राजेश यादव ने प्रदीप से कहा कि दोनों पक्षों में समझौता करवा दो। बीते 16 नवंबर को वीएचपी नेता प्रदीप ने गांव के प्रेमपाल के घर में दोनों पक्षों को बुलावाया। इस दौरान काफी लोग पहले से ही मौजूद थे और सबकी मौजूदगी में सुलहनामा लिखवा दिया गया। इसी बीच धीरेंद्र और फुलवारी उठे और समझौतानामा फाड़ कर फेंक दिया। इतना ही नहीं प्रदीप से कहा कि तू ज्यादा नेता बनता है आज तुझसे ही निपट लें। उसके बाद दोनों भाइयों समेत उनके सहयोगियों ने मिलकर प्रदीप को वहीं पर पीटा। अन्य लोगों ने किसी तरह से प्रदीप को बचाया और जान से मारने की धमकी देते हुए निकल गए।
पुलिस से शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
इसकी शिकायत पुलिस समेत मंत्रियों से प्रदीप ने की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। दूसरी ओर घरवालों का कहना है कि चार दिन पहले भी प्रदीप ने हत्या की आशंका जताई थी। पुलिस को मामले की सूचना भी दी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पूरे प्रकरण को लेकर एसएसपी डॉ ओपी सिंह का कहना है कि घटनास्थल पर बरामद हुए तमंचे की जांच कराई जा रही है। उन्होंने आगे बताया कि घरवालों की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। आगे कहते है कि अभी तक कोटे की रंजिश में मर्डर का कारण सामने आया है और आरोपियों की तलाश की जा रही है।