सार

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को जोरदार झटका लगा है। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से पार्टी के दो विधायक अदिति सिंह तथा राकेश सिंह की सदस्यता समाप्त करने को लेकर याचिका दायर की थी। विधानसभा अध्यक्ष ने लम्बी सुनवाई के बाद कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया है

लखनऊ(Uttar Pradesh). उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को जोरदार झटका लगा है। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से पार्टी के दो विधायक अदिति सिंह तथा राकेश सिंह की सदस्यता समाप्त करने को लेकर याचिका दायर की थी। विधानसभा अध्यक्ष ने लम्बी सुनवाई के बाद कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया है। अब कांग्रेस से निलंबित अदिति सिंह तथा राकेश सिंह विधायक बने रहेंगे। 

बता दें कि कांग्रेस विधानमंडल दल नेता ने रायबरेली सदर की विधायक अदिति सिंह और रायबरेली जिले की हरचंदपुर सीट से विधायक राकेश सिंह की सदस्यता दल-बदल के आरोप में निरस्त करने की याचिका दायर की थी। कांग्रेस ने रायबरेली से विधायक अदिति सिंह तथा रायबरेली के ही हरचंदपुर से पार्टी के विधायक राकेश सिंह के बगावती तेवर के कारण दलबदल कानून के तहत इनकी विधानसभा सदस्यता को रद करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष  हृदय नारायण दीक्षित  के पास पत्र भेजा था। लम्बी सुनवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला सुरक्षित रखा था। सोमवार को उन्होंने अपना फैसला सुना दिया, जिसके तहत अदिति सिंह तथा राकेश सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द नहीं होगी। 

सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके दिनेश सिंह के भाई हैं राकेश 
 रायबरेली जिले के हरचंदपुर सीट से कांग्रेस विधायक राकेश सिंह भाजपा में शामिल हो चुके एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के सगे भाई हैं। दिनेश प्रताप सिंह को भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली से मैदान में उतारा था। वहीं रायबरेली सदर की विधायक अदिति सिंह के सुर कांग्रेस के खिलाफ होने के बाद उनको पार्टी से भी निलंबित कर दिया गया था। अदिति सिंह रायबरेली के पूर्व विधायक अखिलेश सिंह की पुत्री हैं। वह वर्ष 2017 में चुनाव लड़ी थीं। माना जा रहा है कि अदिति जल्द ही भाजपा का दामन थामेंगी।

हाईकोर्ट में भी दायर है याचिका 
कांग्रेस की विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर कर अदालत से मांग की है कि वह विधानसभा अध्यक्ष को निर्देशित करें कि याची की याचिकाओं को शीघ्र निस्तारित करें। मामले में याची अराधना मिश्रा के वकील केसी कौशिक का तर्क था कि अदिति और राकेश 2017 में कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। बाद में उन्होंने पार्टी विरेाधी गतिविधियां शुरू कर दीं। उनकी विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने के लिए स्पीकर के सामने अर्जी दी गई और कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले की नजीर है कि सदस्यता समाप्त करने वाली अर्जियां तीन सप्ताह के भीतर निस्तारित कर दी जाएं। इस मामले में तीन माह बाद भी स्पीकर ने अर्जी निस्तारित नहीं की। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कांग्रेस के दो विधायकों अदिति सिंह और राकेश सिंह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।