सार

रामवीर उपाध्याय हमेशा से ही ब्राह्मण राजनीति का मजबूत चेहरा रहे हैं और उनकी इस खासियत की वजह से बसपा में तूती बोलती थी। लेकिन शुक्रवार को रामवीर उपाध्याय ने बसपा से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में बसपा के इतने बड़े ब्राह्मण चेहरे के इस्तीफे से मायावती को ब्राह्मण बोटबैंक साधने में काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) के विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha chunav 2022) से पहले प्रदेश के भीतर राजनीतिक दलों में इस्तीफे का दौर तेजी के साथ शुरू हो गया है। इन सबके बीच विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मणों को रिझाने में जुटी बहुजन समाज पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। रामवीर उपाध्याय (Ramveer Upadhyay) हमेशा से ही ब्राह्मण राजनीति (brahmin politics) का मजबूत चेहरा रहे हैं और उनकी इस खासियत की वजह से बसपा में तूती बोलती थी। लेकिन शुक्रवार को रामवीर उपाध्याय ने बसपा से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में बसपा के इतने बड़े ब्राह्मण चेहरे के इस्तीफे से मायावती को ब्राह्मण बोटबैंक साधने में काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है।

उत्‍तर प्रदेश के जनपद हाथरस की विधानसभा सीट सादाबाद के बसपा विधायक रामवीर उपाध्याय ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वे 2019 से निलंबित थे। 25 साल से बसपा में थे और पांच बार विधायक बने। वह बसपा सरकार में ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री रह चुके हैं। माना जा रहा है कि रामवीर उपाध्‍याय उप मुख्‍यमंत्री दिनेश दिनेश शर्मा के संपर्क में हैं। पिछले दिनों एक सभा में दिनेश शर्मा इनकी तारीफ कर चुके हैं। इनके छोटे भाई मुकुल भाजपा में हैं। वे नजदीकी जिला अलीगढ़ में कोल विधानसभा से टिकट मांग रहे हैं। इस तरह की चर्चा जोरों पर है। हालांकि इसकी अभी किसी ने पुष्‍टि नहीं की है।

बहरहाल, रामवीर उपाध्याय ने बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को पत्र लिख कर इस्‍तीफा सौंपा है। वह, भाजपा के टिकट पर सादाबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। बता दें कि वह वर्तमान में सादाबाद से ही विधायक हैं। हालांकि उन्‍होंने पिछले कुछ समय से बीमारी के चलते राजनीति से दूरी बना रखी थी।

पूरा परिवार हुआ भाजपाई
बता दें कि रामवीर उपाध्याय को छोड़कर उनका पूरा परिवार भाजपाई हो चुका है। वह यूपी पंचायत चुनाव के दौरान अपनी पत्नी के नामांकन में गले में जय श्री राम लिखा हुआ पट्टा डालकर पहुंचे थे। इससे साफ हो गया था कि उनके दिल में भाजपा ही बसी है। वहीं, आज उन्‍होंने बसपा से इस्‍तीफा देकर भाजपा का दामन थामने का ऐलान कर दिया है।

ऐसे उपाध्याय परिवार की भाजपा में हुई एंट्री
रामवीर उपाध्याय वर्तमान में हाथरस की सादाबाद सीट से बसपा के विधायक हैं। जबकि छोटे भाई और पूर्व विधायक मुकुल उपाध्याय ने बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने की शुरुआत की थी। इसके बाद रामवीर उपाध्याय के बेटे चिरागवीर उपाध्याय ने भाजपा का दामन थाम लिया। वहीं, फिर रामवीर की पत्‍नी सीमा उपाध्याय भाजपा ज्‍वाइन कर ली थी। इसके अलावा उनके एक और भाई विनोद उपाध्याय पहले ही भाजपा का साथ दे रहे हैं।