सार

यूपी के कन्नौज में भाजपा नेता की हत्या के आरोपियों के घरों पर शुक्रवार को बुलडोजर चला दिया गया। बता दें कि हत्याकांड के 36 घंटे बाद यह कार्रवाई की गई है। बताया गया कि जांच में पाया गया कि अवैध जमीन पर मकान बने हैं।

कन्नौज: उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में बीते बुधवार को बीजेपी नेता अरुण शाक्य की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के 36 घंटे के अंदर ही एक्शन लेते हुए शुक्रवार को भाजपा नेता के 3 आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई की गई। बता दें कि इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी गांव के प्रधान का पति है। वहीं प्रशासन का कहना है कि इस मामले पर की गई बुलडोजर कार्रवाई एकदम सही है। बताया गया कि जांच में सामने आया है कि मकान अवैध जमीन पर बने हैं। भाजपा के बूथ प्रभारी और पूर्व प्रधान अरुण शाक्य की हत्या मामले में 17 लोगों को आरोपी बनाया गया है। जिनमें से 6 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अन्य फरार चल रहे हैं। यह घटना तालग्राम थाना क्षेत्र के नरूइया गांव की है।

पीट-पीटकर की थी भाजपा नेता की हत्या
बताया जा रहा है कि रंजिश के चलते पूर्व प्रधान अरुण शाक्य हत्या की गई है। प्रधान सरोजनी देवी उसके परिवार और समर्थकों पर हत्या का आरोप लगा था। बीजेपी नेता अरूण शाक्य को आरोपी प्राइमरी स्कूल में काम करवाते समय साथ ले गए थे। जिसके बाद प्रधान के घर के पास उसके साथ मारपीट की। मारपीट के दौरान अरूण शाक्य की मौत हो गई। वहीं आरोपी मृतक अरूण को मौके पर छोड़कर फरार हो गए। वहीं परिवार और स्थानीय लोग अरूण को अस्पताल गए। जहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं मृतक की बेटी ने बताया कि उसके पिता को आरोपियों ने लोहे की सरिया से मारा है। आरोप है कि बीचबचाव के दौरान परिवार के साथ भी मारपीट की गई। अरूण की बेटी ने बताया कि आरोपियों ने धमकाते हुए कहा कि यहां से चले जाओ वरना तुम लोगों को भी ऐसे ही मारेंगे।

कुछ दिन पहले शुरू हुई थी रंजिश
अरूण शाक्य की बेटी ने कहा कि प्रधान के घर की महिलाओं ने भी पापा को बहुत मारा था। जैसे उनके पिता को मारा गया। वैसे ही आरोपियों को भी तड़पा-तड़पा कर मारा जाए। बता दें कि पूर्व ग्राम प्रधान और ग्राम प्रधान के बीच कुछ दिन पहले ही यह रंजिश शुरू हुई थी। अरुण शाक्य और ग्राम पंचायत सदस्यों द्वारा शिकायत किए जाने पर प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज कर दिए गए थे। वहीं प्रधान सरोजनी देवी पर विकास कार्यों में धांधली करने के आरोप लगाए गए थे। प्रधान ने अपने अधिकार वापस पाने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली। लेकिन 2 दिन बाद हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। वहीं चुनाव हारने के बाद भी अरुण शाक्य को ग्राम पंचायत के विकास कराने का काम सौंपा गया था। यही बात प्रधान सरोजनी देवी और उनके परिवार वालों को खटक रही थी।

पीड़ित परिवार ने की फांसी देने की मांग
जब प्रधान सरोजनी देवी के अपने अधिकार वापस लेने की कोशिशें विफल रहीं तो उसने अरुण की हत्या की साजिश कर डाली। इसके बाद साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया। वहीं शुक्रवार सुबह SDM छिबरामऊ और CO फोर्स के साथ JCB लेकर गांव पहुंचे। इस दौरान ग्राम प्रधान सरोजनी देवी के पति विजय बहादुर यादव, जितेंद्र और एक अन्य का मकान ढहाया गया। मृतक अरुण शाक्य के पिता हेमराज की तहरीर के आधार पर तालग्राम थाना पुलिस ने सरोजनी देवी, बृजेन्द्र यादव, अजय प्रताप यादव, ऊषा यादव, राहुल उर्फ करिया, जीतू यादव, मान सिंह, रामतीर्थ, शिवा, करन सिंह, अंकित यादव के अलावा 6 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। बता दें कि मृतक अरुण की बेटी ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की है।

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