सार
सीबीआई ने बागपत जिले के खेकड़ा थाने में दर्ज एफआईआर को अपनी एफआईआर का आधार बनाया है। एफआईआर में सुनील राठी को नामजद किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में 25 फरवरी को सीबीआई से जांच कराए जाने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद अब सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर साक्ष्य संकलन की कार्रवाई शुरू कर दी है।
लखनऊ ( Uttar Pradesh)। माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर ली है। ये एफआईआर न्यायालय के निर्देश पर दर्ज किया गया है। खबर है कि सीबीआई की एक टीम आज बागपत जेल का दौरा कर सकती है। बता दें कि 9 जुलाई 2018 को बागपत जेल मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई थी। कई लोगों पर साजिश रचने और जेल के अंदर हत्या करवाने का आरोप मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने लगाया था। जिसे संज्ञान में लेते हुए 25 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए।
इस आधार पर दर्ज किया केस
सीबीआई ने बागपत जिले के खेकड़ा थाने में दर्ज एफआईआर को अपनी एफआईआर का आधार बनाया है। एफआईआर में सुनील राठी को नामजद किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में 25 फरवरी को सीबीआई से जांच कराए जाने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद अब सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर साक्ष्य संकलन की कार्रवाई शुरू कर दी है।
इस तरह हुई थी हत्या
मुन्ना बजरंगी को दिल्ली में पेशी के लिए झांसी जेल से लाया गया था। अस्थाई रूप से बागपत जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था। 9 जुलाई को सुबह सवा 6 बजे बैरक के बाहर आजीवन कारावास की सजा काट रहे सुनील राठी ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया था। जेल के अंदर से 10 खोखे 7.62 बोर के और 17 जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे।
10 दिन पहले ही पत्नी ने जताई थी आशंका
मुन्ना बजरंगी को तन्हाई बैरक संख्या एक में विक्की सुनहरा के साथ रखा गया था, जबकि बैरक संख्या 10 में कुख्यात अपराधी सुनील राठी बंद था। मुन्ना बजरंगी की हत्या की शंका परिजनों ने दस दिन पहले ही जता दी थी। मुन्ना की पत्नी सीमा और उनके वकील विकास ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर पुलिस और सफेदपोश के गठजोड़ से मुन्ना की हत्या की आशंका व्यक्त की गई थी।
मुन्ना पर दर्ज थे 40 हत्याओं, लूट, रंगदारी के केस
मुन्ना बजरंगी पर 40 हत्याओं, लूट, रंगदारी की घटनाओं में शामिल होने का केस दर्ज थे। मुन्ना बजरंगी का जन्म साल 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था।