सार

रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह की सदस्यता खत्म करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अर्जी दी गई है। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा की तरफ से यह अर्जी यूपी विधानसभा सदस्य दल परिवर्तन के आधार पर निर्भरता नियमावली 1987(E) के तहत दी गई है।

लखनऊ (Uttar Pradesh). रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह की सदस्यता खत्म करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अर्जी दी गई है। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा की तरफ से यह अर्जी यूपी विधानसभा सदस्य दल परिवर्तन के आधार पर निर्भरता नियमावली 1987(E) के तहत दी गई है। बता दें, बीते 21 नवंबर को अदिति ने पंजाब के नवांशहर में कांग्रेस विधायक अंगद के साथ सात फेरे लिए। शादी के 6 दिन बाद यानी 27 नवंबर को ही इनकी सदस्यता खत्म करने के लिए अर्जी दे दी गई।

इस वजह से अदिति के खिलाफ हुई कार्रवाई 
बता दें, गांधी जयंती के 150वीं वर्षगांठ पर योगी सरकार ने सदन का विशेष सत्र बुलाया था, जिसका कांग्रेस, सपा सहित सभी विपक्षियों पार्टियों ने बहिष्कार किया था। लेकिन पार्टी लाइन से हटकर रायबरेली की सदर सीट से विधायक अदिति इस सत्र में शामिल हुईं थीं। जिसके बाद उन्होंने कहा था, मैं अपनी जनता के लिए सत्र में शामिल हुई। सदन में अपने क्षेत्र के विकास को लेकर बात रखी। 

वहीं, पार्टी के खिलाफ जाने पर कांग्रेस ने अदिति को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसका अदिति की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया था। यही नहीं, अदिति ने पार्टी लाइन से हटकर अनुच्छेद 370 और 35ए खत्म करने पर बीजेपी सरकार के फैसले का स्वागत भी किया था।

शादी से पहले ही अदिति ने कहा था, नहीं छोड़ पाऊंगी रायबरेली
शादी से पहले अदिति से जब मीडिया ने सवाल किया कि क्या अब आप शादी के बाद रायबरेली को छोड़ देगीं। तो उन्होंने कहा- मैं कभी दूर नहीं जा सकती रायबरेली से, मेरा दिल बसा हुआ है। क्यों एक महिला से हमेशा सवाल किया जाता है कि वह अपने करियर और शादी को कैसे प्रबंधित करेगी ?? महिलाओं में दोनों को संभालने की क्षमता है और मैं भी काम करना जारी रखूंगी। हमें महिलाओं से इस तरह के सवाल पूछना बंद कर देना चाहिए।

पूर्व मंत्री-सांसद-MLA समेत 11 वरिष्ठ नेताओं को कांग्रेस दिखा चुकी है बाहर का रास्ता
कांग्रेस ने हाल ही में पार्टी के 11 वरिष्ठ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है। पार्टी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, सभी निष्कासित नेता बीते कुछ समय से पार्टी के निर्णयों पर अनवाश्यक रुप से बैठक कर विरोध कर रहे थे, जोकि अनुशासनहीनता है। सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था, लेकिन उनकी तरफ से जवाब दिए गए हैं, उस पर अनुशासन समिति संतुष्ट नहीं है। जिन नेताओं को निष्कासित किया गया उनमें संतोष सिंह (पूर्व सांसद), सिराज मेंहदी (पूर्व एमएलसी), रामकृष्ण द्विवेदी (पूर्व गृहमंत्री, उप्र), सत्यदेव त्रिपाठी (पूर्व मंत्री), राजेन्द्र सिंह सोलंकी (सदस्य एआईसीसी), भूधर नारायण मिश्र (पूर्व विधायक), हाफिज मोहम्मद उमर (पूर्व विधायक), विनोद चौधरी (पूर्व विधायक), नेकचन्द्र पाण्डेय (पूर्व विधायक), स्वयं प्रकाश गोस्वामी (पूर्व अध्यक्ष युवा कांग्रेस), संजीव सिंह (पूर्व जिलाध्यक्ष गोरखपुर) के नाम शामिल है।

निष्कासित कांग्रेस नेताओं ने अदिति के लिए कही थी ये बात
पार्टी से निष्कासित नेताओं ने कहा था, अनुशासनहीनता के मामले में रायबरेली की विधायक अदिति सिंह के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं हुई? पूर्व मंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य सत्यदेव त्रिपाठी ने आरोप लगाते हुए कहा था, अदिति सिंह के खिलाफ कार्रवाई न करना कांग्रेस का दोहरा चरित्र है। उनके खिलाफ कार्रवाई करने की प्रदेश कांग्रेस में हिम्मत भी नहीं।