सार
यूपी चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस इसके पीछे के कारणों को तलाशने में लगी हुई है। इसके लिए पार्टी के नेताओं से रिपोर्ट भी मांगी गई है। पार्टी की ओर से चलाए गए लड़की हूं लड़ सकती हूं अभियान को भी वह अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिली जिसकी कल्पना की गई थी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की अगुवाई में भी करिश्मा नहीं दिखा पाई। जिसके बाद प्रियंका ने हार के कारणों को तलाशने के लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं से रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले हुई समीक्षा बैठक में प्रत्याशियों ने अपनी हार के कारणों को गिनाया था।
गौरतलब है कि यूपी चुनाव में कांग्रेस को मात्र 2.33 फीसदी वोट मिले हैं। कांग्रेस के सिर्फ 2 विधायक जीतकर ही विधानसभा पहुंचे हैं। जबकि कांग्रेस के 387 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। ज्ञात हो कि बीते दिनों प्रियंका गांधी की अगुवाई में लड़की हूं लड़ सकती हूं अभियान चलाया गया था जो कि पूरी तरह से फ्लॉप रहा। सूत्रों की माने तो कांग्रेस महासचिव ने इस हार के बाद साफतौर पर कहा है कि जब उन्होंने यूपी की कमान संभाली थी तो संगठन नाम की कोई भी चीज नहीं थी। लेकिन बीते दिनों में जो भी बदलाव हुए हैं उसका फल भविष्य में देखने को मिलेगा।
आपको बता दें कि कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव में 148 महिला प्रत्याशियों को उतारा था। हालांकि जीत सिर्फ आराधना मिश्रा मोना को ही हासिल हो पाई। जिसके बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। कांग्रेस के अपेक्षा थी कि उसका 40 फीसदी महिलाओं को टिकट वाला दांव यूपी में सफल साबित होगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। ज्यादातर महिला प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में भी सफल न रहें।
कांग्रेस ने यूपी चुनाव में कई ऐसे चेहरों पर भी दांव लगाया था जो अपने क्षेत्र में अच्छी पहचान रखते हैं। डिजिटल युग में सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले और ज्यादा फॉलोवर्स वाले प्रत्याशियों को टिकट देकर अपेक्षा की गई थी कि चुनाव में काफी फायदा होगा। हालांकि यह सब कोर कल्पना ही साबित हुआ।
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