सार

समाजवादी पार्टी की पूर्व महिला जिला अध्यक्ष ने कहा कि मुस्लिम धर्म को टारगेट कर मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर उतरवाने की कोशिश की जा रही है। अगर ऐसा किया गया तो सैकड़ों मुस्लिम महिलाएं मंदिरों पर जुटेंगी और मंदिरों के सामने कुरान का पाठ किया जाएगा।

अलीगढ़: अजान और लाउडस्पीकर का मामला लगातार गर्मराता जा रहा है। इसी बीच मस्जिदों में अजान और लाउडस्पीकर को लेकर मचे घमासान के मुद्दे पर अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी की महिला नेत्री रुबीना खानम ने कहा है कि हमारे धर्म के मामले में अड़ंगा लगाया तो मुस्लिम महिलाओं ने चूड़ियां नहीं पहन रखी है।  उन्होंने कहा कि मंदिरों के सामने बैठकर मुस्लिम महिलाएं कुरान का पाठ करेंगे। समाजवादी पार्टी की पूर्व महिला जिला अध्यक्ष ने कहा कि मुस्लिम धर्म को टारगेट कर मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर उतरवाने की कोशिश की जा रही है। अगर ऐसा किया गया तो सैकड़ों मुस्लिम महिलाएं मंदिरों पर जुटेंगी और मंदिरों के सामने कुरान का पाठ किया जाएगा।

'रमजान के महीने में धर्म और आस्ता के साथ हो रहा खिलवाड़'
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में मस्जिदों में अजान और लाउडस्पीकर को लेकर मचे घमासान के बीच हमेशा विवादित बयान देने के चलते सुर्खियों में रहने वाली सपा नेत्री रुबीना खानम ने अजान और लाउडस्पीकर मामले में विवादित बयान देते हुए धमाकेदार एंट्री मारी गई हैं। सपा नेत्री रुबीना खान ने हिंदू समुदाय को लेकर विवादित बयान के साथ धमकी देते हुए कहा कि उनके रमजान के पाक महीने में उनके धर्म के कामों में अड़ंगा लगाने औऱ उनके धर्म की आस्था के साथ हिंदू समुदाय के लोगों द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है। उनका मानना है कि मस्जिदों ओर मंदिरों में पहले से ही लाउडस्पीकर लगे हुए हैं। 

कहा- सैकड़ों की संख्या में सड़कों पर उतरेंगी महिलाएं 
उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ ऐसे लोगों को जो छूट दे रखी है, जो उनके धर्म के बीच लाउडस्पीकर सहित मस्जिदों में अजान को लेकर खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं। मस्जिद में अजान और लाउडस्पीकर को लेकर हरकत कर रहे ऐसे लोगों को वह बता देना चाहती हैं कि ऐसे लोग बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। इसीलिए हिंदू समुदाय के ऐसे लोगों को उनकी चेतावनी है कि उनके मुस्लिम धर्म के मामले में अड़ंगा लगाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। क्योंकि मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने चूड़ियां नहीं पहन रखी है। इसके बाद सैकड़ों की तादाद में मुस्लिम महिलाएं सड़कों पर उतर कर मोर्चा संभालेंगी और हिंदू समुदाय के लोगों के मंदिरों के सामने जाकर बैठेंगी।