सार
मल्टीनेशनल कंपनियों में अच्छे पैकेज पर नौकरी दिलाने के नाम पर छोटे शहरों के युवाओं से साइबर ठगी हो रही है। पुलिस ने गिरोह का पता लगाया है, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
नई दिल्ली। नोएडा पुलिस ने फर्जी लीगल कंसल्टेंसी फर्म खोलकर मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अपराधियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी गुरुग्राम से हुई है। आरोपी का नाम मंजारुल इस्लाम है और वह पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर का रहने वाला है। आरोप है कि यह पूरा नेटवर्क चीन से जुड़ा है और अब तक करीब 300 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हो चुकी है।
गिरफ्तार मंजारुल ने बताया कि चीन का एक व्यक्ति है, जो गुरुग्राम में मिला था। काम के बदले 50 हजार रुपए महीना देने की बात कही गई। इसके अलावा एक साल में कुल कमाई का 60 प्रतिशत कमीशन भी। उसने अकाउंट खोला और 14 करोड़ रुपए डाल दिए, जिसके बाद ठगी का यह धंधा शुरू हो गया।
इस ऑनलाइन ठगी के शिकार ज्यादातर छोटे शहरों के युवा हो रहे थे। यह गैंग ज्यादातर छोटे शहरों के लोगों को ही फंसाता था। ये इन्हें फ्लिपकार्ट या अमेजन जैसी अन्य मल्टीनेशनल कंपनियों में अच्छे पैकेज पर काम करने का झूठा भरोसा दिलाते थे। खुद को जॉब कंसल्टेंट के तौर पर बताते और फीस जमा करने के नाम पर मोटी रकम वसूलते थे। एशियानेट हिंदी साइबर ठगी या ऑनलाइन ठगी को लेकर लगातार जागरुकता अभियान चला रहा है और इससे आगाह करती हुई खबरें प्रकाशित कर रहा है।
तीन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर हुई रकम
नोएडा पुलिस के पास शिकायत पहुंची थी कि फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी हो रही है। लोगों से फीस के नाम पर पैसे वसूले जा रहे हैं। बरेली की एक युवती ने भी इस बारे में शिकायत दर्ज कराई कि उससे दस हजार रुपए ठग लिए गए। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि युवती के अकाउंट से रुपए तीन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर हुए। क्रिप्टो एक्सचेंज में वॉलेट बनाकर अलग-अलग फेक कंपनी, ट्रस्ट और फर्म खोले जा रहे थे और इनके जरिए धोखाधड़ी हो रही थी।
युवती के पास व्हाट्सएप से आया मैसेज
बरेली की इस युवती के पास व्हाट्सएप से मैसेज आया, जिसमें एक लिंक भी था। इसमें कहा गया कि लिंक पर क्लिक करें। इसमें दो सौ रुपए का रिचार्ज करेंगे तो 400 रुपए मिलेंगे। युवती ने ऐसा किया तो उसे 400 रुपए मिले। वो लगातार पैसे डालती रही और इस तरह वह दो लाख हो गया। इस बारे में जांच जारी है।
कैसे होती है ठगी
पहले से चल रही जॉब रिक्रूटमेंट वेबसाइटों के जरिए नौकरी के ऑफर दिए जाते हैं। नौकरी तलाश रहे लोगों के मेल पर या मैसेज से लिंक भेजा जाता है। ठग अपने को कंसल्टेंट बताते और वेबसाइट का अस्थायी ऑफिस दिखाते। इसके बाद वॉलेट या बैंक ट्रांसफर से रजिस्ट्रेशन फीस मांगते। ऑनलाइन इंटरव्यू भी होता और अंत में फेक अप्वाइंटमेंट लेटर भेजे जाते।
शिकार किन्हें और कैसे बनाते हैं
छोटे शहर, गांव और कस्बों में रहने वाले युवा जो नौकरी की तलाश में होते हैं, उन्हें मैसेज भेजा जाता। ऐसे कॉलेज जो कम लोकप्रिय हैं। साथ ही ऐसे युवा जिनकी कम्युनिकेशन स्किल खराब होती है। उम्र 20 से 25 के बीच हो और अंग्रेजी लिखने तथा बोलने में कमजोर हों। इसके अलावा ऐसे युवा भी जिन्होंने पहले से किस जॉब पोर्टल पर नौकरी के लिए आवेदन दिया हो।
इनसे बचा कैसे जाए
ज्यादातर कंपनियां अपने आधिकारिक वेबसाइट पर नौकरी के विज्ञापन देती हैं। संदेह पैदा करने वाले ई-मेल और मैसेज को नहीं खोलें। सही कंपनियों के करियर पेज पर जाएं और वहां से सीधे अप्लाई करें। विदेश में नौकरी के लिए एजेंटों के पास जाने से बचें। जब भी सीवी पोस्ट करें तो जिस पद के लिए आवेदन कर रहे हैं, वह जरूर लिखें। रिटर्न ई-मेल में वह पद लिखा है यह चेक करें। नौकरी तलाशने वालों से कोई भी सही कंपनी किसी भी चरण में पैसे जमा करने को नहीं कहती। इसलिए ऐसा जो भी कहे, उससे दूर हो जाइए।
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