सार
यूपी के लखनऊ जिले में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। मां की मौत के बाद कई दिनों तक बेटी उसकी लाश के साथ रहती रही। पड़ोसियों तक लाश की बदबू पहुंची तो पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी तब जाकर लाश निकाली गई।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यह मामला लखनऊ के इंदिरा नगर का है जहां पर मां की मौत के बाद दस दिनों तक बेटी अपनी मां की के साथ रहती रही। एक कमरे में मां की लाश बेड पर पड़ी थी जबकि दूसरे कमरे में बेटी रह रही थी। घर से बदबू आने पर पड़ोसियों को शक हुआ तो पुलिस को सूचना दी गई तब जाकर लाश को बाहर निकाला गया। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
दस साल पहले ही पति से हुआ था तलाक
पुलिस ने रिटायर्ड HAL (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) इंजीनियर सुनीता दीक्षित का शव उनके घर से बरामद किया है। महिला का शव पूरी तरह से सड़ चुका है। पुलिस के मुताबिक सुनीता दीक्षित अपनी 26 साल की बेटी अंकिता के साथ इंदिरा नगर के मयूर रेजीडेंसी में बंगला नंबर-26 में रहती थी। मृतक महिला सुनीता का दस साल पहले ही पति रजनीश दीक्षित से तलाक हो चुका था। वह कैंसर से पीड़ित थी। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि कई दिनों से सुनीता और अंकिता नजर नहीं आ रही थी। घर से बदबू आई तो पुलिस को सूचना दी।
बेटी ने दरवाजा तोड़ने के लिए किया विरोध
इस मामले में इंदिरानगर इंस्पेक्टर रामफल प्रजापति ने बताया कि दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर गई तो सुनीता को रूम बंद मिला। वहीं दूसरे कमरे में उनकी बेटी अंकिता मौजूद थी। खिड़की से देखा तो अंदर सुनीता का शव बेड पर पड़ा हुआ था। मृतक सुनीता का शव निकालने के लिए अंकीता से रूम की चाबी मांगी तो उसने देने से इंकार कर दिया। इतना ही पुलिस ने यह भी बताया कि दरवाजा तोड़ने पर भी मृतका की बेटी विरोध करने लगी थी।
मुसलमान लड़का मां को था भड़काता
सुनीता की बेटी अंकिता ने पुलिस को बताया कि कमरे में कांच के टुकड़ें पड़े हैं। पुलिस ने उससे पूछा कि कांच के टुकड़े कहां से आए तो उसने बताया कि एक मुसलमान लड़का मां को भड़काता था। मना करने के बाद भी मां उससे बात करती थी। मुझे गुस्सा आया तो मैंने आईना तोड़ दिया। पुलिस का कहना है कि अंकिता दिमागी रूप से बीमार लग रही है। लेकिन उसने यह भी बताया कि वह इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही है। फिलहाल पुलिस ने अंकिता को मामा के घर बाराबंकी भेज दिया है।
शव पर नहीं मिले कोई चोट के निशान
पुलिस के मुताबिक सुनीता दीक्षित का शव दस दिन पुराना था। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। आगे बताती है कि मृतक सुनीता की बॉडी से चोट के निशान नहीं मिले हैं। फिलहाल महिला की मौत के कारणों का अभी कोई खुलासा नहीं हुआ है। पुलिस इसके बारे में पता लगाने में जुटी हुई है। मृतक महिला की रिपोर्ट आने से पता चलेगा कि मौत के पीछे का असल कारण क्या है।
पड़ोसियों ने दी पुलिस को यह जानकारी
शहर के इंदिरानगर के मयूर रेजीडेंसी में रहने वालों ने बताया कि सुनीता ने करीब चार साल पहले यहां मकान खरीदा था। दोनों ही बहुत कम दिखते थे। पड़ोसी आगे बताते है कि दोनों की आपस में अक्सर लड़ाई होती रहती थी। करीब दस दिनों पहले ही दोनों को आखिरी बार देखा गया था। उस दिन में भी दोनों के बीच काफी देर तक लड़ाई हुई थी। पुलिस का कहना है कि मृतक सुनीता की इकलौती संतान अंकिता है। उनका ससुराल लखनऊ के राजाजीपुरम और मायका बाराबंकी में है।
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