सार

साल  2016 में लखनऊ में इस कैफै की शुरुआत हुई थी। 'हीरो' की तर्ज पर बने इस 'शीरोज' कैफे को राष्ट्रपति से भी अवार्ड मिल चुका है। यह कैफे आगरा के बाद लखनऊ और अब उदयपुर में शुरू किया गया है

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। बॉलीवुड अदाकारा दीपिका पादुकोण का पांच जनवरी को 34वां जन्मदिन है। वह इस बार अपना जन्मदिन लखनऊ के कैफे 'शीरोज' में एसिड अटैक सर्वाइवर्स के साथ मनाएंगी। बता दें कि 10 जनवरी को रिलीज होने वाली दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक एसिड सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल का बायोपिक है। 

राष्ट्रपति से भी इस कैफे को मिल चुका है अवार्ड
साल  2016 में लखनऊ में इस कैफै की शुरुआत हुई थी। 'हीरो' की तर्ज पर बने इस 'शीरोज' कैफे को राष्ट्रपति से भी अवार्ड मिल चुका है। यह कैफे आगरा के बाद लखनऊ और अब उदयपुर में शुरू किया गया है।

ऐसे हुई कैफे की शुरुआत
-शीरोज कैफै का संचालन छांव फाउंडेशन की ओर से किया जा रहा है। 
-संस्था के संचालक आशीष शुक्ला ने अपने साथी आलोक के साथ मिलकर इसकी शुरुआत 2003 में की थी। 
-साल  2016 में लखनऊ में इस कैफै की शुरुआत हुई थी।
-'स्टॉप एसिड अटैक' नाम का अभियान भी आशीष व आलोक की ओर से चलाया जाता है।
-छांव फाउंडेशन की डायरेक्टर भी एक एसिड अटैक पीड़ित लक्ष्मी हैं।
-यह एक नॉन प्रॉफिटेबल संस्था हैं।
-यह कैफे आगरा के बाद लखनऊ और अब उदयपुर में शुरू किया गया है।

30 एसिड सर्वाइवर पीड़िता कर रही काम 
आशीष शुक्ला बताते हैं कैफे के संचालन में जो रूपए आते हैं, उससे या क्राउड फंडिंग से इसका संचालन हो रहा है। यहां करीब 30 एसिड सर्वाइवर पीड़िता काम कर रही है। तीनों जगह से अभी तक करीब 100 एसिड सर्वाइवर को मदद की जा चुकी है। दो की शादी यही से हुई है, जो अपना परिवारिक जीवन जी रही है।

लड़कियों के हुनर का भी होता है प्रदर्शन
आलोक बताते हैं, यहां पर जो भी एसिड अटैक पीड़ित आती हैं वो अपनी मर्जी से जो काम करना चाहे, करती हैं। ये एक परिवार बन चुका है। यह कैफे आगरा के बाद लखनऊ और अब उदयपुर में शुरू किया गया है। इस कैफे में खान पान के अलावा यहां काम करने वाली लड़कियों के हुनर का भी प्रदर्शन किया गया है।