सार
वाराणसी में ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों ही स्तरों पर चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान में पिछले केवल 5 दिनों में कुल 4 हजार से ज्यादा समर्थन ऑन लाइन एवं 20 हजार से अधिक समर्थन ऑफ लाइन हासिल हुआ है।
अनुज तिवारी
वाराणसी: क्लाइमेट एजेंडा के तहत वाराणसी के अस्सी घाट पर उपरोक्त संस्था द्वारा एक कृत्रिम फेफड़े को स्थापित किया गया था, जो कि उच्च दक्षता वाले फ़िल्टर से बने होने के बावजूद भी महज तीन दिनों में प्रदूषण के कारण काला हो गया। एकता शेखर ने कहा बिलकुल सफेद फेफड़ों का 72 घंटों में काला हो जाना इस बात का प्रमाण है कि वाराणसी समेत प्रदेश के अन्य शहरों में वायु प्रदूषण अब एक अहम सवाल बन चुका है। यह अभियान आम जनता से लेकर जन प्रतिनिधियों के बीच जागरूकता पैदा करने की दृष्टि से चलाया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्ययोजना का हो शिथिल अनुपालन
अभियान के अगले चरण में हमारी टीम अब मुख्य धारा के सभी राजनितिक दलों का प्रदूषण के मुद्दे पर ध्यानाकर्षण का प्रयास करेगी। अभियान दाल सभी दलों के कार्यालय में जाकर उन्हें ज्ञापन सौपेंगा और उनसे प्रदूषण के स्थाई हल के लिए प्रेरित करेगा। बनारस में वर्तमान में विद्युत वाहन और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जो परिवर्तन दिख रहे हैं, वे सुखद होने के साथ साथ नाकाफी हैं। अभियान दाल सम्बंधित मंत्रालयों को भी ज्ञापन के माध्यम से इस मुद्दों पर संवेदनशील बनाने का प्रयास करेगा। एकता ने आगे कहा कि शहर में कचरा निस्तारण का कोई प्राथमिक समाधान अब तक नहीं मिल सका है। साथ ही राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्ययोजना का शिथिल अनुपालन भी वायु प्रदूषण के संकट को और बढ़ा रहा है।
हस्ताक्षर अभियान में पिछले पांच दिनों में चार हजार समर्थन
तो वहीं बातचीत में सानिया अनवर ने बताया वाराणसी ने इस जागरूकता अभियान को खुल कर समर्थन दिया है। ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों ही स्तरों पर चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान में पिछले केवल 5 दिनों में कुल 4 हजार से ज्यादा समर्थन ऑन लाइन एवं 20 हजार से अधिक समर्थन ऑफ लाइन हासिल हुआ है। इस समर्थन प्रक्रिया को हम अभी अनवरत जारी रखेंगे, हमारा लक्ष्य यह है कि कूल पचास हजार समर्थन के साथ प्रदेश एवं भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को एक मांग पात्र सौपा जाए, जिसमें राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्ययोजना के कठोर, समयबद्ध अनुपालन की मांग प्राथमिक तौर पर शामिल रहेंगी। अभियान में युवाओं की सहभागिता के बारे में विशेष रूप से बताते हुए सानिया अनवर ने कहा कि यह अभियान मुख्य रूप से शहर के युवाओं के नेतृत्व में चल रहा है। हस्ताक्षर अभियान, नुक्कड़ नाटक, गीत संध्या आदि के माध्यम से निरंतर शहर के हर तबके के लोगों को इस अभियान से जोड़ने की कव्वायड इन युवाओं की अगुवाई में ही चल रही है।
देश भर में स्वच्छ भारत अभियान को जोर शोर से चलाया जाए
अपने सम्बोधन में आगे कहती है कि देश भर में स्वच्छ भारत अभियान को जोर शोर से चलाया जा रहा है। लेकिन स्वच्छ हवा के सवाल को स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा नहीं बनाया गया। केवल सड़कों को चमकाने पर सारा ध्यान लगाने से ही वायु प्रदूषण का संकट और गंभीर बनता जाएगा। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्ययोजना के माध्यम से स्वच्छ हवा को मूलभूत अधिकार घोषित करना चाहिए। साथ ही, सरकारों के द्वारा अपनाई जा रही कोशिशों में आम जनता को भी सहयोग करना होगा। वायु प्रदूषण एक वैश्विक सवाल है, जो अकेले किसी संस्था, अभियान, जनता या सरकार की पहल से हल नहीं होगा। सभी को कंधे से कंधा मिला कर चलना होगा। सार्वजनिक परिवहन और सौर ऊर्जा के भरपूर उपयोग से हर व्यक्ति वायु प्रदूषण को कम करने में सहायता कर सकता है। बताते चलें कि कृत्रिम फेफड़ों के साथ इस अभिनव प्रयोग को सबसे पहले झटका नामक संस्था ने बंगलुरु में किया था, जहां इन्हें काले होने में 18 दिन लगे थे। इसके बाद हेल्प डेल्ही ब्रीद अभियान ने इसे दिल्ली में किया जहां इसे काले होने में 6 दिन लगे थे। आने वाले समय में, 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान से जुड़े सहयोगी संगठन व संस्थाएं इसे उत्तर भारत के अन्य शहरों में भी आयोजित करेंगे।
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