सार
आगरा में ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। इस दायरे में रहने वाले लोगों को अब मकान की मरम्मत या निर्माण के लिए परमीशन लेनी मिलेगी।
आगरा: ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में रहने वाले लोगों की दिक्कतें बढ़ने जा रही हैं। यह लोग न तो अब कोई नया निर्माण कर सकेंगे न ही भवनों की मरम्मत करवा सकेंगे। अगर इन्हें ऐसा करते पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं 500 से 700 मीटर के दायरे में सिर्फ एक मंजिला भवनों का निर्माण ही हो सकेगा। इसको लेकर उन्हें अनुमति भी लेनी होगी।
500 मीटर के दायरे में नहीं हो सकेंगे ये कार्य
ताजमहल के दक्षिणी गेट के सामने अब चबूतरे का निर्माण नहीं हो सकेगा। यह व्यवस्था आगरा महायोजना-2031 में की गई है। इसके बाद यह महायोजना शासन को दो से तीन सप्ताह में भेजी जाएगी। एडीए उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने जानकारी दी कि ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में मरम्मत के बाद रोड या फिर गली में मलबा डंप किया जाता था। इससे कहीं न कहीं ताज की खूबसूरती प्रभावित होती थी। इसी के आधार पर अब इस क्षेत्र में न ही मरम्मत हो सकेगी न ही नया भवन निर्माण हो सकेगा। अगर कोई भी व्यक्ति चोरी छिपे मरम्मत या निर्माण करवाते पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
मोबाइल टावर को भी जाएगा हटाया
बताया गया कि ताजमहल के 500 से 750 मीटर तक एक मंजिला भवन की अधिकतम ऊंचाई 3.75 मीटर होगी। वह अनुमान्य होगी। जबकि 750 मीटर से एक किमी तक दो मंजिला भवन की अधिकतम ऊंचाई 7.50 मीटर होगी। ऐसे में निर्माण कार्य या फिर जो मोबाइल टावर ताजमहल के दक्षिणी गेट के सामने लगे हैं उससे भव्यता प्रभावित हो रही है। लिहाजा इनको हटाया जाएगा।
महायोजना 2031 में फतेहपुर सीकरी भी शामिल
मामले को लेकर एडीए उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि इस साल के अंत तक महायोजना 2031 लागू होगी। वर्तमान में यह महायोजना 2021 तक प्रभावी थी। इसे वर्ष 2007 में लागू किया गया था। आपको बता दें कि आगरा महायोजना 2031 में फतेहपुर सीकरी क्षेत्र भी शामिल है। इसके साथ ही इनर रिंग रोड के आसपास, कुबेरपुर क्षेत्र भी शामिल है।
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