सार
काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने के फैसले पर धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी ने ट्वीट कर लिखा, काशी विश्वनाथ मंदिर में अभी कोई ड्रेस कोड लागू नहीं है और न ही लागू करने की योजना है। विद्वानों ने सुझाव दिया है, ड्रेस कोड का कोई फैसला नहीं लिया गया।
वाराणसी (Uttar Pradesh). काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने के फैसले पर धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी ने ट्वीट कर लिखा, काशी विश्वनाथ मंदिर में अभी कोई ड्रेस कोड लागू नहीं है और न ही लागू करने की योजना है। विद्वानों ने सुझाव दिया है, ड्रेस कोड का कोई फैसला नहीं लिया गया।
क्या है पूरा मामला
बता दें, रविवार को मंदिर प्रशासन और काशी विद्वत परिषत के विद्वानों की हुई बैठक में ड्रेस कोड का फैसला लिया गया था। यह बैठक सूबे के धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी की अध्यक्षता में कमिश्नरी सभागार में हुई थी। बैठक में यह फैसला लिया गया था कि उज्जैन में महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए जिस प्रकार ड्रेस कोड लागू है। कुछ उसी तरह अब वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। इस नए नियम के मुताबिक, मंदिर में काशी विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन के लिए अब पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहनना होगा।
बता दें, अभी तक ऐसी व्यवस्था उज्जैन के महाकाल समेत दक्षिण भारत के कई मंदिरों में लागू है। नए ड्रेस कोड में लोग अब जींस, पैंट, शर्ट और सूट पहने लोग बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन तो कर लेंगे, लेकिन उन्हें स्पर्श दर्शन करने की परमिशन नहीं होगी।