सार
इटावा जनपद में नवनिर्वाचित प्रधान महंत सिंह के खिलाफ दर्ज शिकायत के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। मामले में फर्जी प्रमाणपत्र को भी निरस्त कर दिया गया है। इसी के साथ आगे की जांच जारी है।
इटावा: यूपी के इटावा जनपद में जसवंतनगर के आलमपुर नरिया गांव में चुनाव जीतने वाले प्रधान को जांच के बाद बर्खास्त कर दिया गया है। आरक्षित सीट पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनाकर प्रधानी चुनाव जीता गया था। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जिलाधिकारी श्रुति सिंह ने जांच के बाद निर्वाचित प्रधान को पदमुक्त करने की कार्रवाई की। फर्जी जाति प्रमाण पत्र जांच कमेटी में अध्यक्ष खुद डीएम श्रुति सिंह थी। इसके साथ ही अपर जिलाधिकारी जयप्रकाश, एसडीएम जसवंतनगर, तहसीलदार जसवंतनगर और जिला समाज कल्याण अधिकारी सदस्य शामिल थे। इस समिति को जाति सत्यापन जांच समिति का नाम दिया गया था।
कोइरी जाति का प्रमाणपत्र हुआ था जारी
आपको बता दें कि गांव के नवनिर्वाचित प्रधान महंत सिंह के खिलाफ गांव के ही इंद्रेश कुमार ने शिकायत दर्ज करवाई थी। बताया गया कि 27 मार्च 2021 को महेंद्र सिंह के नाम पर तहसील जसवंतनगर से कोइरी जाति का प्रमाणपत्र जारी हुआ था। शिकायतकर्ता की ओऱ से आरोप लगाया गया कि महंत ने कई बार पिता का नाम बदला है। इसी के साथ गांव में वंशावलियों में महंत सिंह का नाम ही नहीं मिल रहा है।
जाति प्रमाण पत्र जारी करने वालों पर भी होगी कार्रवाई
वहीं महंत सिंह ने अपनी सफाई में जानकारी दी वह आठ या दस साल की उम्र में बिहार राज्य से आया था। उसे अपने गांव के बारे में कुछ भी ध्यान नहीं है। महंत सिहं ने अफने पिता का नाम रामकिशुन बताया इसके अलावा वह कोई भी सबूत नहीं दे सका। इसी के चलते उसका जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया गया। समिति ने तय किया कि जिन लोगों की भूमिका इस जाति प्रमाण पत्र को जारी करने में रही है उनके खिलाफ भी अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
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