सार
एक टोली में पांच कार्यकर्ता होंगे। 20 हजार से अधिक की राशि अकाउंट पेई चेक या बैंक ट्रांसफर द्वारा ही स्वीकार्य होगी। विहिप के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन के मुताबिक इस अभियान के माध्यम से देश के कुल साढ़े छह लाख में से सवा पांच लाख गांवों के 13 करोड़ से अधिक परिवारों के 65 करोड़ लोगों से संपर्क किया जाएगा। इसमें दस लाख टोलियों में 40 लाख से अधिक कार्यकर्ता लगे हैं।
लखनऊ (Uttar Pradesh) । विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ताओं की टोली घर-घर पहुंच रही है, जो घर-घर जाकर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह कर रही है। इस दौरान 10,100 और 1000 रुपए के चंदा देने वालों को रसीद भी दे रही है। जिसमें भगवान राम की तस्वीर भी लगी हुई है। वहीं, मंदिर निर्माण के लिए रायबरेली जिले में तेजगांव के पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को एक करोड़ ग्यारह लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपए का चेक सौंपा है।बदले में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में प्रस्तावित राममंदिर का एक मॉडल भेंट कर पूर्व विधायक को सम्मानित किया और उनके योगदान की सराहना की।
45 दिन का चल रहा महा अभियान
बताते चले कि 45 दिनों का यह महा अभियान माघ पूर्णिमा (27 फरवरी) तक चलेगा। इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व विपक्ष के नेताओं के साथ ही मजदूर व किसानों से भी समर्पण निधि ली जाएगी। हर रामभक्त से सहयोग राशि ली जाएगी। उम्मीद है कि साल 2023 के अंत तक मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा।
एक टोली में होंगे पांच कर्यकर्ता
एक टोली में पांच कार्यकर्ता होंगे। 20 हजार से अधिक की राशि अकाउंट पेई चेक या बैंक ट्रांसफर द्वारा ही स्वीकार्य होगी। विहिप के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन के मुताबिक इस अभियान के माध्यम से देश के कुल साढ़े छह लाख में से सवा पांच लाख गांवों के 13 करोड़ से अधिक परिवारों के 65 करोड़ लोगों से संपर्क किया जाएगा। इसमें दस लाख टोलियों में 40 लाख से अधिक कार्यकर्ता लगे हैं।
एकत्रित धन से होंगे ये कार्य
एकत्रित समर्पण निधि से राम मंदिर के साथ ही मंदिर परिसर में शोध के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की लाइब्रेरी, आडिटोरियम, रामलीला व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए आउटडोर स्टेडियम, धर्मशाला, भंडारा स्थल, खोदाई में मिले पुरातात्विक साक्ष्य प्रदर्शित करने के लिए संग्रहालय, राम मंदिर के लिए संघर्ष करने वालों को याद करने के लिए स्मारक भी बनाई जाएगी।