सार
गोंडा के चार शिक्षकों को बर्खास्त कर कार्वाई की जा रही है। बीएसए के मुताबिक इन सभी के शैक्षणिक अभिलेख फर्जी पाये गये हैं। उन्होंने बताया कि चारों पर मुकदमा दर्ज कर करोड़ों रुपए की वसूली की प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है।
गोंडा: उत्तर प्रदेश के जिले गोंडा में शिक्षकों को लेकर एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे अक्सर देखा जाता है। फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी कर रहे चार प्राथमिक शिक्षकों को गुरुवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इसकी जानकारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि इन चारों शिक्षकों के खिलाफ संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को चारों के विरुद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए है। आगे कहते है कि इन चारों बर्खास्त अध्यापकों को वेतन समेत विभिन्न मदों में दी गई धनराशि की वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।
बीएसए ने इन शिक्षकों की पुष्टि
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि सेवा से बर्खास्त किए गए शिक्षक बेलसर के प्राइमरी स्कूल में प्रधानाध्यापक और संतकबीरनगर जिले के जमिरा गांव के निवासी राजेश कुमार, प्राथमिक विद्यालय (राजापुर रेतवागाड़ा) में प्रधानाध्यापक पत पर तैनात थे। आजमगढ़ जिले के ग्राम भदौरा खास निवासी विनोद कुमार सिंह, मुजेहना के प्राथमिक विद्यालय (पूरे सिधारी) में तैनात कुलदीप और इटियाथोक के प्राथमिक विद्यालय पृथ्वीपाल ग्रंट में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात जितेंद्र कुमार यादव शामिल हैं। इन सभी शिक्षकों के अभिलेख फर्जी पाए गए है। इसकी पुष्टि बीएसए के की है।
करीब 60 शिक्षकों पर हो रही कार्रवाई
अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि अभिलेखों के सत्यापन हेतु बार-बार निर्देशों के बावजूद उपस्थित न होने पर सभी चार शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। अब इन सभी बर्खास्त शिक्षकों पर लगभग 4 करोड़ों रुपए की रिकवरी के आदेश दे दिए गए हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह का कहना है कि ये लोग दूसरे व्यक्ति के शैक्षिक अभिलेख प्रयोग कर दूसरे नाम पर अपने अभिलेख, पैन कार्ड, आधार कार्ड लगाकर वेरीफिकेशन कराकर नौकरी पाकर वेतन ले रहे थे। ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर वित्त एवं लेखा विभाग को पत्र भेजा गया है और उनके वेतन भुगतान का आकलन कराया जा रहा हैं। इस तरह के करीब 60 शिक्षक हैं जिनके ऊपर कार्रवाई की जा रही है। बीएसए ने आगे कहा कि अब ऐसे और लोगों पर नजर है, जो फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे हैं।
लापरवाह 19 शिक्षकों पर गिरी गाज, विभागीय आदेश का भी इन पर नहीं पड़ रहा था कोई फर्क