सार

साल का दूसरा खंडग्रास सूर्य ग्रहण यानी आंशिक सूर्य ग्रहण उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में देखा गया। वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के तारामंडल में सूर्य ग्रहण देखा। राज्य के लखनऊ, बरेली और कानपुर समेत कई शहरों में ग्रहण दिखने को मिला।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दीपावली के बाद दूसरा खंडग्रास सूर्य ग्रहण यानी आंशिक सूर्य ग्रहण विभिन्न शहरों में देखा गया। बरेली, कानपुर, लखनऊ समेत राज्य के कई शहरों में ग्रहण देखने को मिला। वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के तारामंडल में सूर्य ग्रहण देखा। विशेष चश्‍मे और टेलिस्‍कोप की मदद से सीएम योगी इस वर्ष के आखिरी सूर्य ग्रहण के साक्षी बने। भारत समेत दुनियाभर में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग चुका है। आंशिक सूर्य ग्रहण पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों को छोड़कर भारत के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा। ग्रहण लगने के बाद कई शहरों में ग्रहण देखते हुए नजर आए। 

जानिए आखिर क्या है आंशिक सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है। जिससे पृथ्वी का सूर्य का दृश्य पूरी तरह या आंशिक रूप से अस्पष्ट हो जाता है। यह अमावस्या के साथ मेल खाता है और यह दर्शाता है कि चंद्रमा पृथ्वी की कक्षा के तल के सबसे पास है। वहीं पूरे ग्रहण में सूर्य की डिस्क पूरी तरह से चंद्रमा से ढकी रहती है। बता दें कि आंशिक और वलयाकार ग्रहणों में सूर्य का केवल एक भाग अस्पष्ट होता है। वहीं दूसरी ओर आंशिक ग्रहण तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी के अनुरूप नहीं होते हैं और चंद्रमा केवल आंशिक रूप से सूर्य को ढकता है। इसको आमतौर पर एक कुंडलाकार या पूर्ण ग्रहण के ट्रैक के बाहर पृथ्वी के एक बड़े हिस्से से देखा जा सकता है। ऐसा इसलिए होता है जब गर्भ पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों के ऊपर से गुजरता है और कभी भी पृथ्वी की सतह को नहीं काटता है। 

सूर्य ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें खास ध्यान
सूर्य ग्रहण के दौरान कई बातों का खास ध्यान रखा जाता है, जैसे- सूरज के प्रकाश में 52 प्रतिशत अवरक्त किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है इसलिए इस समय नंगी आंखों से न देंखे। नंगी आंखों से टेलीस्कोप अथवा दूरबीन की सहायता से न देखें। साधारण फिल्टर या धूप के चश्मों से न देखें। सूर्य का प्रतिबिंब पानी में अथवा रंगीन पानी में नहीं देखना चाहिए। एक्स-रे फिल्म,फ्लापी, फोटो फिल्म, वेल्डिंग ग्लास से भी न देखें। सूर्यग्रहण को परावर्तित प्रतिबिंब तथा प्रमाणित सोलर फिल्टर से देखने व फोटोग्राफ्स का प्रयोग कर ही सूर्य ग्रहण देंखे।

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