सार

यूपी के जिले गोरखपुर में मंगलवार की सुबह पिता और दो बेटियों के शव फंदे पर लटके मिले। शाहपुर इलाके में एक कमरे में एक ही पंखे पर दोनों बेटियों तो वहीं दूसरे कमरे में पंखे पर पिता का भी शव लटका मिला। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के जिले गोरखपुर में मंगलवार की सुबह सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां पिता और दो बेटियों के शव फंदे पर लटके मिले है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि एक कमरे में एक ही पंखे पर दो बेटियों का शव दुपट्टे से लटके मिला है। वहीं दूसरे कमरे में पंखे पर पिता का भी शव लटका है। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। सूचना पर एसपी सिटी और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

तीस साल से मृतक के पिता रहते है उसी इलाके में
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के शाहपुर इलाके के गीता वाटिका स्थित घोसीपुरवा की धोबी गली का है। यहां के निवासी ओमप्रकाश श्रीवास्तव के दो बेटे हैं। दोनों के ही अलग मकान बने हुए है और उसी में रहते हैं। ओमप्रकाश मूल रूप से बिहार के गुठनी थाना क्षेत्र सिवान के रहने वाले हैं। तीस साल से वह घोसीपुरवा में ही रहते हैं। धोबी गली में ओम प्रकाश के बड़े बेटे जितेन्द्र श्रीवास्तव (45) अपनी दो बेटियों और पिता के साथ रहते थे। मंगलवार की सुबह जब ओमप्रकाश गार्ड की ड्यूटी से लौटे तो देखा कि उनका बेटा जितेंद्र श्रीवास्तव और उसकी दोनों बेटियां मान्या (16) और मानवी (15) के शव फांसी पर लटके हैं। यह देख उनको पैरों तले जमीन खिसक गई।

पुलिस को नहीं मिला है अभी तक कोई सुसाइड नोट
उन्होंने बताया कि वह रोज ड्यूटी से लौटते थे तो घर का दरवाजा बंद रहता था, लेकिन मंगलवार सुबह जब पहुंचे तो घर का दरवाजा खुला था। अंदर जाकर देखा तो तीनों का शव फंदे से लटक रहा था। इसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी। फिलहाल पुलिस को अभी तक कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिवार के लोगों को हत्या की आशंका जता रहे हैं। मृतक जितेन्द्र श्रीवास्तव घर में ही सिलाई का काम करते थे। गांव से आते समय मैरवा स्टेशन पर 1999 में ट्रेन से गोरखपुर आते समय एक पैर कट गया था। कृत्रिम पैर के सहारे घर में ही सिलाई का काम करते थे जबकि उनकी पत्नी सिम्मी की दो साल पहले कैंसर से मौत हो गई थी।

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