सार

पाली थाने में किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म के बाद डीआईजी ने एसआईटी का गठन किया है। जो जल्द ही पीड़िता के घर समेत थाना व भोपाल जाकर जांच शुरू करेंगे। इस मामले में पुलिस अधीक्षक के आदेश पर थानाध्यक्ष, एक महिला एवं चार आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

ललितपुर: उत्तर प्रदेश के जिले ललितपुर में बीते दिनों किशोरी के साथ दुष्कर्म होने का मामला सामने आया था। शहर के पाली थाने में किशोरी के साथ इस मामले पर नया मोड़ सामने आया है। इस मामले में शासन के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया है। इसके लिए टीम ने जांच शुरू कर दी है। टीम जल्द ही पाली थाने और दुष्कर्म पीड़िता के घर पहुंचकर हर पहलू की जांच शुरू से करेगी।

जिले के पाली थाना परिसर में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता से थानाध्यक्ष द्वारा दुष्कर्म किए जाने पर ही शासन के निर्देश पर डीआईजी ने एसआईटी का गठन किया है। इस एसआईटी की टीम में एसपी सिटी झांसी विवेक त्रिपाठी के अलावा झांसी व ललितपुर के एक-एक सीओ को भी शामिल किया गया है। टीम में शामिल सभी सीओ जल्द ही ललितपुर के पाली थाना व पीड़िता के घर के अलावा भोपाल के साथ अन्य स्थलों की भी जांच करेंगे।

थानाध्यक्ष ने किशोरी की मौसी को था सौंपा
पाली थाना के अंतर्गत एक महिला निवासी 13 वर्षीय किशोरी के साथ पाली के चार युवकों ने भोपाल ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। किशोरी ने आरोप लगाया कि तीन दिन तक उसे भोपाल में ही रखकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इसी के बाद उसे ललितपुर के पाली थाने में लाकर छोड़ दिया और चले गए। पाली के थानाध्यक्ष ने उसे मौसी को सौंप दिया था।

थानाध्यक्ष समेत इन आरोपियों पर दर्ज मुकदमा
किशोरी का आरोप है कि अगले दिन बयान दिलाने के बहाने थाने बुलाया गया और उसी दिन शाम को थानाध्यक्ष ने थाना परिसर स्थित अपने कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक के आदेश पर थानाध्यक्ष, एक महिला एवं चार आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। साथ ही थानाध्यक्ष को निलंबित कर दो दिन बाद प्रयागराज से गिफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

एडीजी कानपुर जोन से लाइन हाजिर किया गया
पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक का कहला है कि पाली थाने प्रकरण में एसआईटी टीम का गठन किया गया है। जिसमें एसपी सिटी झांसी, एक सीओ झांसी और एक ललितपुर के सीओ को टीम में शामिल किया गया है। बता दें कि थानाध्यक्ष को निलंबित कर दो दिन बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। वहीं घटना के चलते उस समय थाना में तैनात 29 पुलिसकर्मियों को एडीजी कानपुर जोन से लाइन हाजिर कर दिया गया था। क्योंकि थाने में पूरे स्टाफ की मौजदूगी में इस तरह की हरकत को अंजाम दिया गया था। झांसी दौरे के दौरान सीएम ने इस मामले में कड़ी नाराजगी भी जताई थी। 

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