सार
औरंगजेब ने गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों को इस्लाम कबूल करने के बदले जान बख्शने का प्रलोभन दिया मगर साहिबजादों ने देश और धर्म पर आंच नहीं आने दी और दीवार में चुनना पसंद किया। मुस्लिम आक्रांता बाबर ने भी सिख गुरूओं को इस्लाम स्वीकार करने का दवाब बनाया मगर उसकी हसरत भी पूरी नहीं हुयी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ (Chief Minister Yogi Aadityinath) के सरकारी आवास पर सोमवार की सुबह गुरुवाणी के साथ हुयी जब साहिबजादा दिवस (Sahibzada Divas) के मौके पर योगी ने गुरू ग्रंथ साहब की अगवानी की और साक्षात दंडवत कर गुरु गोविंद सिंह ( Guru Govind Singh) के चार साहिबजादों को उनकी शहादत पर नमन किया। इस अवसर पर योगी ने कहा कि सिख परंपरा भारत की भक्ति व शक्ति का एक अद्भुत संगम है। देश व धर्म के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले गुरु गोविंद सिंह महाराज के चार साहिबजादों की शहादत को नमन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि एक तरफ आक्रांता औरंगजेब बाबा काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) का मंदिर तोड़ता है तो दूसरी तरफ हन्दिू धर्म के रक्षक राजा रणजीत सिंह ने विश्वनाथ मंदिर को स्वर्ण मंडित किया। उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों को इस्लाम कबूल करने के बदले जान बख्शने का प्रलोभन दिया मगर साहिबजादों ने देश और धर्म पर आंच नहीं आने दी और दीवार में चुनना पसंद किया। मुस्लिम आक्रांता बाबर ने भी सिख गुरुओं को इस्लाम स्वीकार करने का दवाब बनाया मगर उसकी हसरत भी पूरी नहीं हुयी।
कई भाजपा नेता रहे मौजूद
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ( Deputy Chief Minister Dr. Dinesh Sharma), राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख (Baldev Singh Aulakh), भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ( Swatantra Dev Singh) तथा लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया (Samyukta Bhatia) भी मौजूद थे। यह दिवस गुरु गोविंद सिंह के चार पुत्रों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत की याद में मनाया जाता है। साहिबजादा दिवस की तरह ही इससे पहले गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव पर मुख्यमंत्री आवास पर गुरुवाणी कीर्तन व लंगर का आयोजन किया गया था। तब सिख समुदाय के 200 से 250 लोगों ने लंगर व प्रसाद ग्रहण किया था।
बीते वर्ष भी मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित हुआ था साहिबजादा दिवस
मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ की पहल पर बीते वर्ष भी मुख्यमंत्री आवास पर साहिबजादा दिवस का आयोजन हुआ था। योगी ने इस आयोजन की शुरुआत कर सिख समुदाय को सम्मान दिया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जय शंकर गुरुद्वारा गोरखपुर को एक करोड़ रुपए, गुरुद्वारा मोहदीपुर को एक करोड़ 94 लाख, गुरुद्वारा चरण पादुका साहिब निजामाबाद (आजमगढ़) को 49 लाख 22 हजार करोड़ रुपए की धनराशि दी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक आयोग में सिख समुदाय को प्रतिनिधत्वि दिया। नगर निगमों में सात सिख पार्षद नामित किए। इसके अतिरक्ति सरकार ने लखनऊ में श्री गोविंद सिंह द्वार, गुरू तेज बहादुर, गुरु नानक देव तिराहा का नर्मिाण कराया। इसी प्रकार अनेक जिलों में सिख समाज को धरोहरें दी। इतिहासकारों के मुताबिक 26 दिसंबर 1704 में गुरु गोबिंद सिंह के दो साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को इस्लाम धर्म कबूल न करने पर सरहिंद के नवाब ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया। साहिबजादों की शहादत धर्म को बचाने के लिए की गई। फतेहगढ़ साहिब मे गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों को दीवार में सिर्फ इसलिए चिनवा दिया गया कि उन्होंने अपना धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म नहीं अपनाया।