सार

इस रेड में आईटी को संयुक्त अरब अमीरात के ऑफशोर संस्थानों में से एक ने अवैध रूप से शेयरहोल्डिंग की भी जानकारी मिली। समूह की एक भारतीय इकाई में 16 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन कई गुना ज्यादा प्रीमियम पर किया गया। यूएई की इकाई से 16 करोड़ लेने के बाद पम्पी जैन की देश में कोलकाता स्थित कुछ शेल संस्थाओं से अवैध शेयर पूंजी के रूप में 19 करोड़ रुपये प्राप्त किए।
 

कानपुर: आयकर विभाग (IT Department) बीते साल के अन्त में समाजवादी इत्र बनाने वाले पुष्पराज जैन (Pushpraj Jain) और कन्नौज के सबसे बड़े इत्र कारोबारी फौजान मलिक से करीब 120 करोड़ रुपये के अघोषित लेनदेन, कैश और विदेशों से आई रकम का खुलासा आयकर विभाग ने किया। जिसमें लगभग सौ करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के सबूत पम्पी जैन (Pumpi Jain) से मिले हैं जबकि मलिक ग्रुप से 22 करोड़ रुपये की अघोषित आय मिली है। आयकर आयुक्त सुरभि अहलूवालिया (Surbhi Ahluwaliya) और  केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की प्रवक्ता सुरभि अहलूवालिया ने रेड का पूरा ब्योरा जारी किया है। इस रेड में आईटी को संयुक्त अरब अमीरात के ऑफशोर संस्थानों में से एक ने अवैध रूप से शेयरहोल्डिंग की भी जानकारी मिली। समूह की एक भारतीय इकाई में 16 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन कई गुना ज्यादा प्रीमियम पर किया गया। यूएई की इकाई से 16 करोड़ लेने के बाद पम्पी जैन की देश में कोलकाता स्थित कुछ शेल संस्थाओं से अवैध शेयर पूंजी के रूप में 19 करोड़ रुपये प्राप्त किए।

कर से, कर मुक्त में ट्रांसफर करता था प्रौफिट 
समूह इत्र की बिक्री, स्टॉक हेरफेर में लिप्त है इसकी जानकारी विभाग को इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन के कन्नौज, कानपुर, मुम्बई स्थित परिसरों में हुई खोज-बीन से मिली। प्रौफिट को कर के दायरे में आने वाली इकाई से कर मुक्त वाली इकाई में ट्रांसफर किया जा रहा था। साथ ही आपको बता दें पम्पी जैन फुटकर बिक्री के 40 कारोबार कच्चे में चल रहे थे। आयकर विभाग के अनुसार, कच्चे बिल और बोगस फर्मों की आड़ से हुई कमाई का निवेश मुंबई में रियल इस्टेट में किया गया। कंपनी से रिटायर हो चुके साझेदारों को कागजों पर 45 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। ऑफशोर संस्थानों की आड़ में संयुक्त अरब अमीरात में दो विला के मालिक होने का खुलासा हुआ है।

मलिक ग्रुप से मिली 9.40 करोड़ की ज्वैलरी
कन्नौज के सबसे बड़े इत्र कारोबारी मलिक ग्रुप पर तलाशी के दौरान लगभग 10 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। ये भी पाया गया कि समूह अपनी सूची के लिए कोई स्टाक रजिस्टर नहीं रखता है। 9.40 करोड़ रुपये से अधिक के आभूषण सीज किए गए हैं।
 

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