सार
यूपी के जिले कानपुर में बिकरू कांड की जांच अब कमिश्नरी पुलिस करेगी। अभी तक आउटर पुलिस एडीजी जोन मामले की मॉनिटरिंग कर रही थी। बता दें कि दो जुलाई 2020 को बिकरू गांव में पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए दबिश दी थी।
कानपुर: देश भर में चर्चित रहा कानपुर का बिकरू कांड के केसों की पैरवी अब कमिश्नरी पुलिस करेगी। कमिश्नरेट की नई संरचना के बाद शासन के निर्देश पर अब बिकरू कांड से जुड़ी जांच कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी करेंगे। अभी तक इस केस की जांच एडीजी जोन कानपुर भानु भास्कर कर रहे थे। ज्ञात हो कि दो जुलाई 2020 को उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए दबिश दी थी। उसके बाद विकास व उसके गुर्गों ने पुलिस पर हमला कर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
46 आरोपियों को भेजा गया था जेल
इस मुठभेड़ में विकास दुबे समेत छह बदमाश मारे गए थे। उसके बाद 46 आरोपियों को जेल भेजा गया था, जो अभी भी जेल में ही है। गोलीबारी में तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। इसमें तत्कालीन थानाध्यक्ष चौबेपुर की ओर से थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस पूरी घटना में करीब 60 केस दर्ज हुए थे। 46 को जेल भेजने के अलावा नौ आरोपियों को पुलिस ने विकास दुबे के हथियार खरीदने के आरोप में पकड़ा था। विकास दुबे के एनकाउंटर के काफी समय बाद उसके हथियारों को भिंड के एक सपा नेता की मदद से बेचने की कोशिश हो रही थी। एसटीएफ ने पनकी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
विभागीय जांचें हो चुकी हैं पूरी
इस मामले में केस दर्ज होने के बाद विभागीय जांच अलग से चल रही थीं। वर्तमान में विभागीय जांचें पूरी हो गई हैं लेकिन असलहा लाइसेंस की जांच चल रही है। कमिश्नरी में आउटर शामिल होने की वजह से सभी मामले कमिश्नरी में आ गए हैं। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड का कहना है कि अब कोर्ट में केसों की पैरवी कमिश्नरी पुलिस करेगी। इसको लेकर समीक्षा बैठक भी की जा चुकी है। इससे संबंधित अफसरों को निर्देश दे दिए गए हैं कि जल्द से जल्द केस से संबंधित सभी दस्तावेज भी उन्हें सौंप दिए जाएंगे। आगे बताया कि अब बिकरू कांड का पर्यवेक्षण अधिकारी संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी को बनाया गया है।