सार

यूपी के कानपुर में ठेकेदार को जिंदा जलाने वाले बिल्डर औऱ मुंशी सलाखों के पीछे जा चुके हैं। देर रात तक चली पूछताछ में दोनों ही आरोपी घटना में संलिप्तता से इंकार करते रहें। फिलहाल पुलिस मामले में गहनता से जांच में जुटी है। 

कानपुर: ठेकेदार को जिंदा जलाने के आरोप में जेल गए बिल्डर शैलेंद्र श्रीवास्तव और उसके मुंशी राघवेंद्र तिवारी से पुलिस के अफसरों ने देर रात तक पूछताछ जारी रखी। हालांकि दोनों में से किसी ने भी वारदात को नहीं कबूला। बार-बार वह यही कहते रहे कि ठेकेदार राजेंद्र ने खुद ही आग लगाई है। हम लोगों ने उसे नहीं जलाया। फिलहाल पुलिस हत्या के बिंदुओं पर विवेचना कर रही है। इसी के साथ अगर कोई साक्ष्य मिलते हैं तो उनकी भी गहनता से जांच की जाएगी। 

आरोपी ने कहा- घर में कर रहे थे पूजा, राजेंद्र ने बाहर लगाई आग

आपको बता दें कि वारदात के तुरंत बाद ही पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। मामले में चकेरी थाने में डीसीपी पूर्वी और एसीपी कैंट ने उनसे कैंट थाने में पूछताछ की। शुरुआत में दोनों ने राजेंद्र से मारपीट की बात कबूल की हालांकि बाद में वह मुकर गए। शैलेंद्र ने कहा कि वह और उनका पूरा परिवार घर के भीतर ही था। वह पूजा कर रहे थे। इसी बीच चीख की आवाज सुनाई दी। जब उन्होंने बाहर जाकर देखा तो राजेंद्र आग की चपेट में था। इसके बाद मामले में पुलिस को सूचना दी गई। 

सांस थमने से पहले राजेंद्र ने दिया बयान
मामले को लेकर सांसे थमने से पहले राजेंद्र ने कहा कि शैलेंद्र और राघवेंद्र ने उसे आग लगाई। पुलिस ने इस बयान का वीडियो भी रिकॉर्ड किया है। पुलिस ने वीडियो जब आरोपियों को दिखाया तो वह राजेंद्र को ही झुठलाते रहे। इसी के साथ उन्होंने खुद को निर्दोष बताया। राजेंद्र का शव का गुरुवार को पोस्टमार्टम करवाया गया। रिपोर्ट के अनुसार राजेंद्र 99 फीसदी जल चुका था। उसके मल्टी ऑर्गेन फेल होने के साथ ही कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल हो गई थी। इसके चलते ही उसे न्यूरोजेनिक शॉक लग गया था। इसके चलते ही उसकी मौत हो गई। फिलहाल पुलिस ने विसरा को सुरक्षित रख लिया है। दरअसल पुलिस को यह भी जानकारी लगी थी कि घटना के वक्त राजेंद्र शराब के नशे में था। इसी के चलते विसरा रिपोर्ट के जरिए यह पुष्टि होगी की वह नशे में था भी या नहीं। 

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