सार

यूपी की कानपुर देहात पुलिस कस्टडी में हुई बलवंत की मौत को लेकर कई बड़े खुलासे हुए है। युवक के आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके पूरे शरीर में 500 से ज्यादा बार लाठियां बरसाई गई है। इसके साथ ही उसकी कलाई की मसल्स डैमेज मिली है। 

कानपुर: उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत का मामला सामना आया था। कानपुर देहात में कस्टडी में मारे गए बलवंत के साथ पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें ही पार कर दी। डॉक्टरों के अनुसार युवक के पेट को छोड़कर शरीर का कोई ऐसा अंग नहीं बचा जहां पर उसको चोट न आई हो। पोस्टमार्टम करने के दौरान डॉक्टरों को बलवंत के शरीर पर 40 से ज्यादा चोट के निशान मिले हैं। उसके हाथ, पैर, पीठ, थाई के साथ-साथ पैर के तलवों पर 500 से ज्यादा लाठियां मारी गई है। पुलिस द्वारा इतना पीटने के बाद बलवंत की जगह-जगह से उसकी नसें फट गई। इसकी वजह से शरीर में कई जगह ब्लड क्लॉट हो गया और वह कोमा में चला गया। फिर मल्टी आर्गन फेल्योर की वजह से उसकी मौत हो गई। यह खुलासा तब हुआ जब बलवंत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है।

कलाई की मसल्स पाई गई हैं डैमेज
बलवंत को सबसे ज्यादा पीठ की तरफ से कमर के निचले हिस्से में मारा गया है। उसके शरीर पर पैर से लेकर सिर तक चोट के निशान हैं। पैर के तलवे और फिल्लियों में लाठी से बुरी तरह मारा गया है। थाई, छाती पर भी गंभीर चोट के निशान मिले हैं। इसके अलावा कलाई की मसल्स डैमेज पाई गई हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि कलाई को रस्सियों से बांधा गया था। इस दौरान दर्द की छटपटाहट की वजह से हाथ छुड़ाने की कोशिश में कलाई की मसल्स डैमेज हो गई। बलवंत के शरीर में पूरे शरीर में 31 गंभीर चोटों के निशान हैं और बाकी आठ से दस छोटी-छोटी चोटे हैं, जिनों पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मेंशन नहीं किया गया है। 

बलवंत के सिर में आई गंभीर चोटें
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार बलवंत को बुरी तरह पीटा गया है। पुलिस जब थर्ड डिग्री देती है तो कमर के पिछले हिस्से पर ही वार करती है लेकिन इस केस में तो ऐसा लग रहा है कि जैसे पीटने वाली किसी इंटेशन से बलवंत को पीट रहे थे। इस कदर पीट रहे थे कि किसी को यह दिख नहीं रहा था कि युवक को चोट कहां लग रही है। उसका सिर, छाती, हाथ, पैर, मत्थे शरीर का ऐसा कोई अंग नहीं बचा जहां चोट न आई हो। सिर की कोई हड्‌डी नहीं टूटी है न ही ब्लीडिंग के निशान हैं लेकिन सिर में गंभीर चोट आई है। कूल्हे के अगल बगल भी चोट के निशान बलवंत के शरीर पर दिखाई दे रहे हैं। इसी तरह बाएं हाथ की हथेली पर भी गंभीर रूप से चोट के निशान हैं। साथ ही हथेली से लेकर कुहनी तक पर चोट ही चोट है। हालांकि पूरे शरीर में कहीं भी फ्रैक्चर नहीं पाया गया है।

500 से ज्यादा बार बरसाई गई है लाठियां
इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि हर चोट पर बीस से ज्यादा बार लाठियां मारी गई हैं। पूरे शरीर में 500 से ज्यादा लाठियां बरसाई। हालांकि सिर्फ यह एक अनुमान है, इससे कम या ज्यादा भी हो सकता है। बलवंत का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों का भी यही कहना है कि इतनी बर्बरता पहले नहीं देखी। पुलिस अमूमन मारती है लेकिन इस तरह से मारना बताता है कि आरोपियों पर जैसे कोई जुनून सवार हो गया था। डॉक्टरों के अनुसार बुरी तरह पिटाई की वजह से बलवंत की नसें कई जगह से फट गई थी। इसकी वजह से शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग होने लगी तो जगह जगह ब्लड क्लॉट होने लगा। उसकी वजह से वह कोमा में चला गया। फिर हार्ट तक ब्लड सप्लाई रुक गई। धीरे धीरे किडनी और फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया और बलवंत की मौत हो गई।

पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद बाकी की जारी है तलाश
बलवंत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट इतनी मजबूत है कि आरोपियों के छूटने का कोई चांस बनता नहीं दिख रहा है, यह बात पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने बोली है। इस मामले में अगर परिवार कुछ भी न बोले तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आरोपी पुलिस वालों की पोल खोलने के लिए काफी है। जिस तरह से बलवंत के शरीर पर चोटों के निशान पाए गए हैं। उससे साफ है कि यह एक ब्रूटल मर्डर है। बता दें कि बलवंत हत्याकांड में अब तक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसमें घटना में शामिल मुख्य आरोपी तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी राजेश सिंह, मुख्य आरक्षी एसओजी, एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, सोनू यादव, दुर्वेश कुमार, मुख्य आरक्षी एसओजी, अनूप कुमार, मुख्य आरक्षी एसओजी को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा अभी इस मामले में चार आरोपियों की तलाश है। जिसमें मैथा चौकी इंचार्ज, संपत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल, एसआई, ज्ञान प्रकाश, एसआई शिवली, थाना शिवली, विनोद कुमार, एसओजी आरक्षी, जय कुमार शामिल हैं।

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