सार

खुशी दुबे की जमानत होने के बाद भी पुलिस ने उनकी रिहाई को फंसा रखा है। आलम यह है कि पनकी और किदवईनगर थाने की पुलिस जमानतगीरों की सत्यापन रिपोर्ट नहीं लगा रही है।

कानपुर: बिकरू कांड की आरोपी खुशी दुबे की रिहाई को कानपुर पुलिस ने फंसा रखा है। किदवई नगर और पनकी थाने की पुलिस के द्वारा जमानतगीरों की सत्यापन रिपोर्ट नहीं भेजी जा रही है। इसके चलते ही खुशी की रिहाई अटकी हुई है। खुशी दुबे को 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। हालांकि उसके बाद भी वह रिहा नहीं हो पा रही है। 

पुलिस ने कहा- अभी तक नहीं मिले दस्तावेज 
गौरतलब है कि पनकी निवासी खुशी दुबे को बिकरू कांड का आरोपी बनाकर जेल भेजा गया था। खुशी की जमानत उनकी मां, पिता और बहन ने ली है। उनकी बहन किदवई नगर में रहती है। मामले को लेकर पनकी और किदवई नगर थाना पुलिस के पास सत्यापन के दस्तावेज भेजे गए है। डाक विभाग का दावा है कि दस्तावेज 11 जनवरी को ही थाने में डिलीवर हो गए। हालांकि अभी तक इस मामले में पुलिस ने अपनी रिपोर्ट नहीं भेजी है। दोनों ही थानों का कहना है कि उनके पास जमानतगीरों का सत्यापन का दस्तावेज ही नहीं पहुंचा है। 

कोर्ट से की जाएगी मामले की शिकायत 
खुशी के माता-पिता और बहन इन दिनों लगातार थाने के चक्कर काट रहे हैं। शनिवार को भी वह थाने गए थे लेकिन पुलिस ने किसी भी दस्तावेज के आने से साफ इंकार कर दिया। ज्ञात हो कि खुशी को 4 जनवरी को कोर्ट से जमानत मिली थी। मामले में 5 जनवरी को ऑर्डर की कॉपी कोर्ट में दाखिल की गई और 6 जनवरी को सेशन कोर्ट ने जमानत की शर्तें तय की। इसके बाद 9 जनवरी को जमानत के पेपर कोर्ट में दाखिल किए गए। वहीं अभी तक जमानत न होने पर खुशी के वकील का कहना है कि वह 16 जनवरी को कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाएंगे। इस पूरे मामले को लेकर खुशी के वकील शिवाकांत दीक्षित ने वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा कि इस मामले को सरकार, पुलिस या फिर प्रशासन व्यक्तिगत न बनाए। न्याय पाने के लिए सभी लोग खुशी की मदद करें। 

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