सार
यूपी के जिले कानपुर में एक युवक को हिरासत में लेने पर उसकी मौत हो गई। जिसके बाद परिजन भड़के और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। मामला तूल पकड़ा तो एसपी ने नौ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल पुलिस की हिरासत में युवा व्यवसायी की मौत हो गई। पुलिस ने लूट के मामले में पूछताछ के लिए सोमवार रात को उठाया था। युवक के घरवालों को उसकी मौत की खबर मिली तो गुस्साएं परिजनों ने जमकर हंगामा कर दिया। इतना ही नहीं पुलिस और युवक के घरवालों के बीच काफी झड़प हो गई। जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो एसपी ने एसओजी टीम ने पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया।
कारोबारी से लूट के मामले में युवक को लिया था हिरासत में
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के शिवली कोतवाली के लालपुर सरैया गांव का है। इस गांव में छह दिसंबर को चंद्रभान सिंह के कारोबारी से लूट हो गई थी। वह दुकान बंद करके लौट रहे थे और तभी पीछे से आए दो बाइक सवार बदमाशों ने ढाई लाख रुपए और 40 हजार के आभूषण लूट लिए थे। पुलिस मामले की जांच कर रही थी तो इसी बीच सोमवार को पुलिस ने चंद्रभान के रिश्ते में लगने वाले भतीजे बलवंत समेत पांच लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। ऐसा बताया जा रहा है कि पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बाद ही बलवंत की तबीयत खराब हुई और उसकी मौत हो गई।
एसपी ने चौकी प्रभारी समेत 9 पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड
पुलिस युवक को अस्पताल लेकर गई पर डॉक्टरों ने उसको हैलट के लिए रेफर कर दिया। मगर थोड़ी देर में ही बलवंत ने दम तोड़ दिया। इसकी सूचना मिलते ही घरवाले अस्पताल पहुंच गए। मृतक के भाई बलवंत के बड़े भाई सचिन ने पुलिस पर बलवंत को पीट-पीटकर मारने का आरोप लगाया है। पुलिस की पिटाई से युवक की मौत का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। इसके लेकर पुलिस ने समझाया तो झड़प शुरू हो गया। इस मामले में एसपी ने एसओजी टीम, थाना प्रभारी, मैथा चौकी प्रभारी समेत नौ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
जांच के लिए एसपी ने गठीत की टीम, 9 लोग हुए सस्पेंड
इस मामले को लेकर एसपी सुनीति का कहना है कि छह दिसंबर को हुई लूट की घटना के खुलासे को लेकर संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही थी। इसी वजह से बलवंत को भी बुलाया गया था लेकिन उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया। वहां उसकी मौत हो गई। परिजन जो भी आरोप लगा रहे हैं, उसको संज्ञान में लेते हुए खुलासे के लिए लगी एसओजी टीम, मैथा चौकी प्रभारी और थाना प्रभारी को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है।
डॉक्टर और भाई ने युवक को लेकर बताई कई बातें
दूसरी ओर मृतक के भाई सचिन सेंगर का कहना है कि मेरा छोटा भाई बलवंत चोकर का कारोबार करता था। भाई घर से सोमवार 12 बजे चोकर लाने बाजार गया था। वह शाम 4 से 5 बजे के बीच वह चोकर लेकर लौट रहा था, तभी रनिया थाने की पुलिस और एसआजी टीम ने मेरे भाई को हिरासत में ले लिया। वह आगे कहते है कि इस मामले की जानकारी हुई तो मैं और चाचा रनिया थाने पहुंचे। वहां पुलिसकर्मी भाई की पिटाई कर रहे थे और हमने इसका विरोध किया। वहीं जिला अस्पताल के डॉक्टर पवन का कहना है कि पुलिस टीम द्वारा एक युवक को लाया गया था। उसके सीने में बहुत दर्द था और उसकी स्थिति ठीक नहीं थी। जिसके चलते उसे हैलट रेफर किया गया था, लेकिन हैलट जाने से पहले ही उसकी मौत हो गई। उन्होंने आगे बताया कि जब पुलिस युवक को लेकर आई थी उस वक्त उसके साथ घर का कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था।