सार
गोरखपुर की जिस सीट से सीएम योगी आदित्यनाथ वर्तमान में विधायक है उस पर कभी डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल विधायक हुआ करते थे। 1998 में राधा मोहन दास अग्रवाल सीएम योगी के चुनाव संयोजक हुआ करते थे।
रजत भट्ट
गोरखपुर: 10 जून को देश के 15 राज्यों के 57 सीटों पर राज्यसभा का चुनाव होना है। वही सभी सियासी दलों ने इस चुनाव को लेकर अपनी कमर भी कस ली है और अपनी अपनी तैयारियों में भी लगे हुए हैं। लेकिन वही बीजेपी ने अपने 16 उम्मीदवारों का लिस्ट भी जारी कर दिया लेकिन इन 16 उम्मीदवारों में से गोरखपुर के डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल का नाम सबसे चर्चित हो रहा है। कारण गोरखपुर के जिस सदर सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्तमान में विधायक हैं, कभी इसी सीट से डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल विधायक हुआ करते थे। इनके राजनीतिक सफर की शुरुआत 1998 से हुई थी और कहा जाता है कि राजनीतिक सफर की शुरुआत भी गोरखनाथ मठ से ही हुआ था और उस समय गोरखनाथ मठ के मठाधीश भी वर्तमान के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही हुआ करते थे। वर्तमान में भी हैं।
2002 में हिंदू महासभा की टिकट से डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने चुनाव लड़ा और वह जीते भी। जिसके बाद 2007 से 2017 तक बीजेपी के टिकट से गोरखपुर सदर का चुनाव लड़ा और लगातार चार बार विधायक भी रहे लेकिन 2022 के चुनाव में गोरखपुर के उसी सदर सीट से खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ते हैं। और भारी मतों से जीत हासिल करते हैं। जिसके बाद डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल का टिकट गोरखपुर के सदर सीट से कट जाता है। हालांकि 1998 में यही डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव संयोजक हुआ करते थे। लेकिन अब पार्टी डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल को राज्यसभा भेजने की तैयारी कर रही है।
राजनीति सफर से पहले अग्रवाल संघ के थे सदस्य
आपको बता दें लगभग 1998 में डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने अपना राजनीतिक सफर गोरखपुर के गोरखनाथ मठ से शुरू किया। लेकिन डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल इससे पहले संघ के सदस्य हुआ करते थे और उनकी विचारधाराएं संघ से मिला करती थी और 2002 में जिस हिंदू महासभा से राधा मोहन दास ने गोरखपुर के सदर सीट से चुनाव लड़ा और जीता। उस हिंदू महासभा का संबंध भी संघ से ही रहा है।
विधायक होने के बाद भी लगातार देखते थे मरीज
बता दे राधा मोहन दास बीएचयू से एमबीबीएस किए हुए हैं। एमबीबीएस करने के बाद डॉक्टरों की प्राथमिकता बनती है कि रोगियों का इलाज करें वही डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल विधायक होने के बाद भी अपने मरीजों को देखना नहीं छोड़ते थे। ऐसी स्थितियां तभी उत्पन्न होती थी जब वह विधानसभा के दौरान लखनऊ में हुआ करते थे, तभी वह अपने मरीजों को नहीं देख पाते थे लेकिन फिलहाल अब उनकी लड़की भी एमबीपीएस कर चुकी हैं। उनकी अनुपस्थिति में वही उन मरीजों को देखा करती है।
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