सार

डॉ कुमार विश्वास ने पंजाब चुनाव से पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए। आम आदमी पार्टी के साथ शुरुआत में जुड़े कुमार विश्वास बाद में पार्टी से कुछ कारणों से अलग हो गए थे। कुमार विश्वास के बयान पर जानें माने शायर मुनव्वर राणा ने कुमार की बात का सर्मथन किया है।

दिव्या गौरव
लखनऊ:
जानें माने शायर मुनव्वर राणा ने कवि कुमार विश्वास की उस बात का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अरविन्द केजरीवाल पंजाब को तोड़कर एक अलग देश बनाना चाहते हैं। एक निजी मीडिया संस्थान से बातचीत के दौरान मुनव्वर राणा ने कहा कि केजरीवाल सत्ता के लिए कुछ भी कर सकता है।

मुनव्वर राणा ने कहा, " कुमार ने जो आरोप अरविन्द केजरीवाल पर लगाए हैं ये झूठ नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल की कुमार विश्वास से दांत काटी दोस्ती थी, बहुत करीबी दोस्ती थी और कुमार विश्वास के साथ अरविन्द केजरीवाल का सुलूक अच्छा नहीं था। उन्होंने कहा कि टाउनहाल में एक मुशायरे के बीच हमने ये बात उनसे कही थी जब अरविन्द केजरीवाल सामने बैठे हुए थे और हम पढ़ रहे थे। हमने कहा कि राज्यसभा में कुमार विश्वास को भेजना चाहिए, कम से कम एक बोलता हुआ आदमी वहां पर हो, जिसमें हिम्मत हो। राणा ने कहा हालांकि एक आदमी है संजय सिंह। संजय सिंह जितनी ईमानदारी, जितनी हिम्मत और जितनी बगावती लहजे में वो राज्यसभा में बोलते हैं तो मैं Appreciate करता हूं। मैंने ये कहा था कि आप कुमार विश्वास को भेजिए, लेकिन उन्होंने नहीं भेजा। तो सियासत की ये लड़ाई अपनी जगह होगी। लेकिन अगर सियासत में ही कुमार विश्वास का... देखिए शायर का दिल सियासत में लगता नहीं है। थोड़ी देर के लिए तो लग सकता है मजा आने के लिए लेकिन अगर बहुत देर तक....

क्या करूं मैं मेरा यक्सुई में दिल दुखता है।
मैं बुहुत देर तक गवर्नर भी नहीं रह सकता।।"

इसी के साथ मुनव्वर राणा ने कहा कि अगर हमें गर्वनर भी बना दिया जाए तो दो या चार, छ: महीने हम रहेंगे नहीं हम भाग जाएंगे। क्योंकि जो सुरतिया हाल होती है उसे हम टोलरेन्स नहीं कर पाएंगे। अगर कुमार विश्वास को सियासत से ही दिलचस्पी होती तो तीन, चार साल पहले ही भाजपा, कांग्रेस, सपा में जा सकते थे। उन्होंने कहा कि ये उनकी बुरी बात है कि दोस्त की बात है उसको भूल जाना चाहिए। मुमकिन है मजाक में ही कह रहा हो। मुनव्वर राणा ने कहा लेकिन सत्ता के लिए अरविन्द केजरीवाल कुछ भी कर सकते हैं। कांग्रेस की सरकार गिराने में और भाजपा की सरकार लाने वाले सबसे बड़े मुजरिम हैं केजरीवाल।

मुनव्वर राणा ने कहा कि अन्ना हजारे का आन्दोलन और भी जो कुछ भी रहा ये सब इन्हीं की मिली जुली भगत थी। ये अलग बात है कि बाद में इन्होंने भाजपा को भी धोखा दे दिया। ऐलान तो यही करते रहे कि मैं राजनीति में नहीं आने वाला हूं। राणा ने कहा कि कुमार विश्वास अपनी जबान बहुत सोच समझकर खोलते हैं। साथ ही राणा ने यह भी कहा कि आजकल मेरे ताल्लुखात उनसे अच्छे नहीं हैं। वो मुझसे नाराज है किसी बात पर मुझे नहीं पता, मैं ऐसी कोई बात बोल गया। लेकिन सियासत की ये बात नहीं है ये कोई भी कह सकता है कि हमको ये नहीं मिला तो हम ये कर देंगे। देश तोड़ने की बात पर मुनव्वर राणा ने कहा कि देश तोड़ने की बात कोई नहीं है ये तो एक मुहाबरा हो गया। जितना बड़ा इल्जाम इसको बनाया जा रहा है उतना बड़ा इल्जाम ये नहीं है।

हाल ही में आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर अलगाववादियों का समर्थक होने के आरोप लगाए। इन आरोपों ने तूल पकड़ लिया और पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले ही सियासी भूचाल मच गया। इसी के साथ बीजेपी और कांग्रेस ने कुमार विश्वास के आरोपों को अपनी राजनीति के लिए भुनाना शुरू कर दिया जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोप के दौर भी शुरू हो गए। कुमार विश्वास ने दावा किया कि उन्होंने केजरीवाल से पिछले चुनाव में कहा था कि अलगाववादी संगठन या खालिस्तानियों का साथ मत लो, लेकिन उन्होंने (केजरीवाल) ने कहा था कि हो जाएगा, चिंता मतकर। विश्वास ने आगे कहा, 'कैसे चीफ मिनिस्टर बनेगा, उसका फॉर्म्युला भी बता दिया था। भगवंत और फुल्का जी को लड़ा दूंगा... एक दिन वह मुझसे कहता है कि तू चिंता मतकर या तो मैं एक स्वतंत्र सूबे का मुख्यमंत्री बनूंगा.... मैंने कहा कि ये अलगाववाद है, आईएसआई से फंडिंग लेकर फंडिंग हो रही है। कहता है कि तो क्या हो गया फिर स्वतंत्र देश का प्रधानमंत्री बनूंगा।'

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