सार

लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Khiri Violence) मामले में आए दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रह हैं। वहीं इस केस में मुख्य आरोपी बनाए गए आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद बुधवार को अंकित दास एसआईटी के सामने पेश हुआ। 

लखनऊ (उत्तर प्रदेश). लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Khiri Violence) मामले में आए दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रह हैं। वहीं इस केस में मुख्य आरोपी बनाए गए आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद बुधवार को अंकित दास एसआईटी के सामने पेश हुआ। करीब 4 घंटे तक चली पूछताछ के दौरान उसने कई राज उगले। 

मंत्री के बेटे के दो और साथी पहुंचे जेल
एसआईटी ने पूछताछ के बाद अंकित के साथ उसके वकील उर्फ काले को भी कोर्ट में पेश किया। जहां पुलिस ने दोनों की 14 की रिमांड मांगी, हलांकि बाद में अदालत ने उन्हें तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। साथ ही 22 अक्टूबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी रिमांड की स्वीकृति दे दी है। इस दौरान अंकित ने कहा-मैं निर्दोष हूं, मैंने कोई घटनाक्रम नहीं किया है।

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'प्रदर्शनकारी हमारी गाड़ियों पर थूक रहे थे'
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एसआईटी के सामने हुई पूछताछ के दौरान अंकित दास ने कहा पूछताछ में अंकित दास ने कहा, घटनास्थल पर मौजूद नहीं था, आशीष मिश्रा राईस मिल के पास था आशीष मिश्रा। इस दौरान मोनू भईया ने कहा था चलो किसानों को सबक सिखाते हैं। साथ ही कहा कि मैं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को रिसीव करने जा रहा था, इसी बीच प्रदर्शनकारी हमारी गाड़ियों पर थूक रहे थे।

मोनू की मौजूदगी के सवाल पर साधी चुप्पी
वहीं काले ने कहा कि थार के पायदान पर दो लोग खड़े थे, काली फार्च्यूनर शेखर भारती चला रहा था, अंकित के पास पिस्टल और मेरे पास रिपीटर गन थी। मोनू की मौजूदगी के सवाल पर साधी चुप्पी। बताया जा रहा है कि आशीष मिश्रा की थार गाड़ी के पीछे अंकित दास की फॉर्च्यूनर मौजूद थी। उस गाड़ी को अंकित का ड्राइवर शेखर भारती ही चला रहा था। जिसे पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

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यह है पूरा मामला
रविवार यानी 3 अक्टूबर को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इस दौरान कुछ गाड़ियां उधर से जा रही थीं। ये गाड़ियां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बताई गईं। रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसानों के विरोध-प्रदर्शन वाली जगह झड़प हो गई। बाद में ऐसा आरोप लगाया गया कि आशीष मिश्रा ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे 4 लोगों की मौत हो गई। किसानों की मौत के बाद मामला बढ़ गया और हिंसा भड़क गई। हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत चार लोगों की मौत हो गई। कुल मिलाकर इस हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई।