सार
भाकियू नेता राकेश टिकैत और पदाधिकारियों ने गुरुवार को जेल का दौरा कर पीड़ित किसानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक लखीमपुर खीरी मामले का हल नहीं निकलता तब तक हम ऐसी बैठकें करते रहेंगे और अधिकारियों से मिलते रहेंगे।
लखीमपुर खीरी: भारतीय किसान यूनियन यानी भाकियू के नेता राकेश टिकैत 23 अन्य किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों की अधूरी मांगों को प्रशासन के सामने उठाया। इतना ही नहीं तिकुनिया हिंसा मामले को भी संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और पदाधिकारियों ने एक बार फिर दौरा कर बैठक की। साथ ही राकेश टिकैत ने एसकेएम के अन्य नेताओं के साथ पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में हुई हिंसा में दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर की कथित हत्या के मामले में जेल में बंद चार किसानों के परिजनों से मुनाकात भी की।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत और पदाधिकारियों ने बैठक में मृतक किसानों के परिजन और जेल में बंद किसानों के परिजनों से मुलाकात की तो पीड़ित परिजनों ने किसान नेता राकेश टिकैत पर राजनीति करने का आरोप लगाया। इसके साथ उन्होंने कहा कि जब तक लखीमपुर खीरी मामले का हल नहीं निकलता तब तक हम ऐसी बैठकें करते रहेंगे और अधिकारियों से मिलते रहेंगे। जब तक लखीमपुर खीरी का मुकदमा चलता रहेगा तब तक हम यहां आते रहेंगे।
यह मामले थे शामिल
जिले के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एसकेएम प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन को अधूरी प्रतिबद्धताओं के बारे में अवगत कराया। इन अधूरी प्रतिबद्धताओं में घायलों को मुआवजा, पीड़ित परिवारों के पात्र सदस्यों को सेवा इत्यादि जैसे मामले शामिल थे।
इस्तीफे की मांग को दोहराया
राकेश टिकैत आगे कहते है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली मांगों को जल्द से जल्द हल करने का आश्वासन भी दिया है। वहीं टिकैत ने केंद्रीय गृह मंत्री अजय कुमार मिश्रा उर्फ टेनी के इस्तीफे की मांग को दोहराते हुए कहा कि इसके लिए एसकेएम आंदोलन को शुरू किया जाएगा।
अनदेखी का लगाया आरोप
बता दें कि जेल में बंद चार किसानों के मुद्दे पर राकेश टिकैत कहते है कि पीड़ित सदस्यों को वास्तविक रूप से पीड़ा है। इन किसानों के परिवारों ने एसकेएम नेताओं पर अनदेखी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि यह मामला अदालत में है, जिस पर एसकेएम सभी कानूनी विकल्पों पर सोच विचार कर चारों किसानों को सभी तरह की सहायात प्रदान करेगा।
इन लोगों की हुई थी मौत
आपको बता दें कि पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसानों के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों, एक पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी।
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