सार

लोहिया संस्‍थान से मरीज को निजी अस्पताल में भेजने का चैट वायरल हो गया है। इसमें संस्‍थान के चिकित्‍सक की दलाल से मिलीभगत सामने आई है। जिसमें मरीज को एंबुलेंस के जरिए निजी अस्पताल में शिफ्ट करने की बात कही जा रही है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में विभूति खंड में स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीज को निजी अस्पताल में शिफ्ट करने के मामले अक्सर देखने को मिलते रहते है। ऐसा ही कुछ एक बार फिर मामला देखने को मिल रहा है। लेकिन इस बार शिफ्ट को लेकर एक चैट तेजी के साथ वायरल हो रही है। उस वायरल चैट में लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में तैनात एक डॉक्टर की दलाल के साथ वेंटिलेटर के मरीज को शिफ्ट करने की बात सामने आई है।

मरीजों को भेजा जाता है अन्य अस्पताल
डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के इमरजेंसी में मरीजों की लंबी कतार देखने को मिलती है। आए दिन मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजा जाता है। रोजाना कई मरीजों को जगह की कमी के कारण ट्रामा सेंटर और अन्य सरकारी अस्पतालों में रेफर किया जाता है। इसी कड़ी में निजी एंबुलेंस चालकों और दलालों की भूमिका सामने आती  है। 

दलालों की भूमिका में डॉक्टर भी हुए शामिल 
अस्पतालों में लंबी कतारे होने की वजह से मरीजों को अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया जाता है। इसी वजह से एंबुलेंस चालक और दलाल अस्पताल परिसर के आसपास ही घूमते रहते हैं जो मरीजों को निजी अस्पताल ले जाने का लालच देते हैं। लेकिन अब इसमें लोहिया संस्थान के इमरजेंसी में तैनात एक डॉक्टर की भूमिका भी सामने आ रही है।

डॉक्टर ने मरीज के वेंटिलेटर को लेकर दी सूचना 
डॉक्टर और दलाल के बीच की वायरल चैट में 108 एंबुलेंस के चालक के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। दलाल और डॉक्टर के बीच बातचीत में यूपी 32 बीजी 8991 नंबर की 108 एंबुलेंस को दलाल अपना कहने की बात कर रहा है। जिस पर डॉक्टर ने हामी भरी है। इसके बाद दलाल ने 108 एंबुलेंस को असाइन कराने के लिए कहा। इतना ही नहीं इस पूरी बातचीत में डॉक्टर ने महिला मरीज के वेंटिलेटर पर होने की भी सूचना दी है। 

दोषी पाए जाने पर डॉक्टर पर की जाएगी कार्रवाई
इस वायरल चैट के बाद से डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान हरकत में आ गया है। प्रकरण संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद और चिकित्सा अधीक्षक डॉ विक्रम सिंह के संज्ञान में है। उनका कहना है कि वायरल चैट में डॉक्टर के नंबर और नाम की जांच कर दो दिन में इस मामले की जांच पूरी की जाएगी। दोषी पाए जाने पर डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी।

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