सार
समाजवादी पार्टी के जिला और महानगर संगठनों में 2 फरवरी के बाद बदलाव किया जाएगा। साथ ही पार्टी में शिवपाल यादव का भी कद बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। जून के अंतिम सप्ताह के अंत में सपा का संगठन भंग किया गया था।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव टलने के बाद सपा अपने संगठन को मजबूत करने में जुट गई है। लेकिन खरमास चलने के कारण संगठन की घोषणा नहीं की जा रही है। बता दें कि 14 जनवरी को खरमास खत्म हो रहे हैं। खरमास खत्म होने के फौरन बाद ही पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव चाचा शिवपाल सिंह के कद को बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। चाचा शिवपाल लंबे समय से भतीजे अखिलेश से नाराज चल रहे थे। जिसके बाद वह अपनी प्रगतिशील पार्टी को मजबूत करने में लगे थे। लेकिन मुलायम सिंह के निधन और मैनपुरी उपचुनाव के दौरान अखिलेश यादव पत्नी डिंपल के साथ शिवपाल यादव के घर पहुंचे थे।
संगठन में मिलेगा बड़ा पद
पारिवारिक मनमुटाव दूर होने के बाद शिवपाल ने मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ रही डिंपल यादव को जिताने के लिए काफी मेहनत की थी। उनकी मेहनत के बाद डिंपल यादव ने मैनपुरी में करीब 2.88 लाख मतों से शानदार जीत हासिल की थी। बता दें कि मैनपुरी में डिंपल की जीत के पीछे शिवपाल की भूमिका को काफी अहम माना जाता है। वहीं डिंपल यादव ने भी चाचा शिवपाल को पूरा सम्मान दिए जाने का वादा किया था। वहीं अब पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव को खरमास के बाद पार्टी में अहम जिम्मेदारी दिए जाने की उम्मीद है। 2 फरवरी के बाद जिला और महानगर संगठनों में बदलाव होगा। इस समय यूपी विधानसभा परिषद की 5 सीटों पर चुनाव चल रहे हैं। वहीं संगठन के पदाधिकारी चुनाव के दौरान जिम्मेदारी संभालेंगे। समाजवादी पार्टी 2 MLC सीट को जीतने का प्रयास कर रही है।
6 महीने से भंग सपा संगठन
जिसके चलते प्रभारियों की भी घोषणा कर दी गई है। वहीं बरेली में पूर्व मंत्री और बहेड़ी विधानसभा से विधायक अताउर रहमान को प्रभारी बना कर वहां पर भेजा गया है। बता दें कि जून के अंतिम सप्ताह के अंत में सपा का संगठन भंग किया गया था। जिसके बाद सपा द्वारा सदस्यता अभियान चलाया गया था। वहीं अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में सम्मेलनों के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष औऱ प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की गई थी। वहीं नेताजी के निधन के कारण जिला और महानगर अध्य़क्ष की घोषणा को टाल दिया गया था। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अभी से संगठन को मजबूत बनाने की कवायद शुरू हो गई है। सपा के संगठन में अल्पसंख्य और पिछड़ों के अलावा दलित समाज को भी सम्मान दिया जाएगा।
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