सार

सपा नेता आजम खान को हेट स्पीच मामले में दोषी करार होने के बाद तीन साल की सजा हुई है। इससे पहले भी वह 27 महीने तक एक ही जेल में बंद थे और नौ दिन में 22 एफआईआर दर्ज हुई थी। पूरे परिवार पर 165 मुकदमें दर्ज है।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का नाम एक बार फिर सबकी जुबान पर है। इसके पीछे की वजह है कि एक पुराने मामले में रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने साल 2019 लोकसभा चुनाव में दिए गए हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा सुनाई है। इस सजा के बाद से उनकी विधायकी जाना भी तय है। इतना ही नहीं उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लग सकती है। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के खिलाफ बीते छह साल में 89 मामले दर्ज हो चुके हैं। इसमें से यह पहला मामला है, जिसमें उनके खिलाफ फैसला आया है। बाकी सभी मामलों में आजम खान जमानत पर चल रहे हैं।

पायल चोरी से लेकर बकरी चोरी करने का लगा है आरोप
यूपी के जिले रामपुर से 12 बार चुनाव लड़ चुके आजम खान अब तक 10 बार चुनाव जीत चुके हैं। साल 2017 में दिए गए एफिडेविट के अनुसार आजम खान पर सिर्फ एक मुकदमा दर्ज था। उसके बाद साल 2017 से 2022 तक आजम के ऊपर एक के बाद एक 89 मुकदमें दर्ज हुए है। 2022 विधानसभा चुनाव में दिए गए एफिडेविट के मुताबिक, आजम खान के ऊपर 87 केस दर्ज बताए गए हैं। जिसमें से 33 केस में ही धारा 420 का मामला दर्ज हुआ है। इसके अलावा इसमें बकरी चोरी, भैंस चोरी, पायल चोरी समेत किताबें चोरी करने जैसे मामले भी दर्ज किए गए हैं। इन्हीं मामलों में से तीन मामले हत्या के प्रयास का है तो वहीं तीन मामले सेक्सुअल हैरेसमेंट का है।

आजम खान समेत उनके पूरे परिवार पर 165 मामले हुए है दर्ज
साल 2022 में रामपुर विधानसभा चुनाव में लड़े आजम खान ने एफिडेविट में बताया है कि उनके ऊपर 87 मुकदमें दर्ज हैं, जबकि स्वार विधानसभा से चुनाव लड़े उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने अपने एफिडेविट में बताया है कि उनके ऊपर 43 मुकदमें दर्ज हैं। वहीं आजम की पत्नी तंजीन फातिमा के ऊपर 35 मामले दर्ज हैं। इस तरह से पूरे परिवार पर साल 2022 तक 165 मामले दर्ज हुआ हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही आजम खान छात्र संघ के महासचिव चुने गए। इस समय भी वह कांग्रेस की खिलाफत करते थे। इमरजेंसी लगने के दौरान उन्हें भी जेल में डाल दिया गया। उसके बाद से आजम खान दोबारा साल 2020 में जेल गए तो उन्हें निकलने में 27 महीने लग गए। उनके अलावा उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटा अब्दुला भी जेल गई पर दोनों की जमानत उनसे पहले हो गई थी।

87 गुना रफ्तार से आजम खान के खिलाफ दर्ज हुए थे मुकदमे
सपा नेता आजम खान साल 2007 में अपना नौंवा इलेक्शन रामपुर से लड़ रहे थे तो उनके ऊपर एक भी मुकदमा नहीं था। यह बात उन्होंने तब अपने एफिडेविट में बताई थी। साल 2012 में जब चुनाव लड़ने गए तो उनके ऊपर पांच मुकदमे हो चुके थे। सत्ता में होने के बाद साल 2017 में जब वह चुनाव लड़े तो एफिडेविट में उन्होंने बताया कि उनके ऊपर बस एक मुकदमा बचा हुआ है। हालांकि साल 2022 आते आते जब उनका एफिडेविट आया तो 15 साल में 87 गुना रफ्तार से उनके ऊपर 87 मुकदमें दर्ज हो चुके थे। उसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके थे और वह रामपुर से सांसद बन चुके थे। 12 से 20 जुलाई के बीच उनके ऊपर 22 मुकदमें एक ही थाने अजीम नगर में दर्ज किए गए है। इन केसों की खास बात यह है कि हर मुकदमा रात में लिखा गया है। कभी एफआईआर का समय 12 बजे तो कभी सुबह के पांच बजे रहा है।

27 महीने तक एक ही जेल में बंद थे सपा नेता आजम खान
सपा विधायक अलग-अलग मामलों में 27 महीने तक जेल में रह चुके हैं। उन्हें 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। फिर 20 मई 2022 की सुबह वह सीतापुर जिला जेल से रिहा हुए थे। इस दौरान उनकी सेहत काफी खराब हो गई थी तो उन्हें मेदांता में एडमिट कराया गया था। यहीं से उनकी एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसके बाद सोशल मीीडिया पर आजम के पक्ष और विपक्ष में चर्चाएं शुरू हो गई थी। अब रामपुर एमपी-एमएलए रामपुर कोर्ट ने आजम को तीन साल की सजा हुई है। उनके वकील विनोद यादव का कहना है कि उच्च न्यायालय में अपील के लिए सात दिन का समय दिया है। अगर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट उनके दोष सिद्ध पर रोक लगा देता है तो उनकी विधायकी बच सकती है। उसके बाद वह फिर आगे भी चुनाव लड़ सकते हैं। आगे कहते है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो आजम खान की विधायकी भी जा सकती है और वह आगे चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।

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