सार

बसपा ने 3 विधानसभा के प्रत्याशियों को पार्टी से किया निष्कासित। पार्टी के पूर्व विधायक राजकुमार रावत, एस के शर्मा, सोनपाल सिंह,को निष्काषित कर दिया है। बसपा जिलाध्यक्ष ने इसकी जानकारी लेटर जारी कर दी। जिलाध्यक्ष ने बताया कि तीनों पर अनुशासनहीनता को लेकर कार्रवाई की गई है।

मथुरा: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाजवादी पार्टी को मिली करारी हार के बाद अध्यक्ष मायावती ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए है। इसी बीच मथुरा विधानसभा चुनाव लड़े तीन प्रत्याशियों को पार्टी से बाहर कर दिया है। पार्टी से तीनों प्रत्याशियों पर निष्कासित करने के लिए अनुशासनहीनता का कारण बताया जा रहा है। बहुजन समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े मथुरा वृंदावन विधानसभा सीट से प्रत्याशी एस के शर्मा, गोवर्धन से चुनाव लड़े पूर्व विधायक राजकुमार रावत व छाता से चुनाव लड़े सोनपाल सिंह को बसपा से निष्कासित कर दिया है।

तीनों पर अनुशासनहीनता पर की गई कार्रवाई 
यूपी विधानसभा आमचुनाव के समाप्त होने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने तीन विधानसभा के प्रत्याशियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। जिसमें बसपा के पूर्व विधायक राजकुमार रावत, एस के शर्मा और सोनपाल सिंह को निष्कासित कर दिया है। इन तीनों पर अनुशासनहीनता पर कार्रवाई की गई है। इसकी जानकारी बसपा जिलाध्यक्ष ने लेटर जारी कर दी है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए तीनों को पहले कई बार चेताया गया लेकिन इसके बाद भी कोई सुधार नहीं आया। 

बसपा प्रत्याशी बोले- 11 मार्च को ही पार्टी दी थी छोड़
बहुजन समाजवादी पार्टी से निष्कासित किए गए मथुरा वृंदावन सीट से प्रत्याशी एस के शर्मा ने बताया कि उन्होंने तो विधानसभा चुनाव के परिणाम के दूसरे दिन यानी 11 मार्च को ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उनके पास कई बार बैठकों में शामिल होने के लिए फोन आया लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया। बहुजन समाजवादी पार्टी अनुशासन हीनता का गलत आरोप लगा रही है। 
 
बसपा जिलाध्यक्ष ने की पार्टी से निष्कासित किये जाने की पुष्टि
बहुजन समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष योगेश कुमार ने बताया कि तीनों नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। जिलाध्यक्ष योगेश कुमार ने लेटर जारी कर इसकी जानकारी दी। उनके द्वारा जारी किए गए बयान में उन्होंने बताया कि एस के शर्मा, राजकुमार रावत व सोनपाल सिंह को पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने के कारण तीनों को निष्कासित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर कई बार चेतावनी दी गई लेकिन इसके बावजूद भी इनकी कार्य शैली में कोई सुधार नहीं आया। जिसकी वजह से पार्टी हित में इन लोगों को बसपा से निष्कासित कर दिया गया है। 

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