सार

मथुरा के चार महीने पहले लव जिहाद मामले में नया मोड़ आया है। जिसमें मथुरा पुलिस ने पीड़िता की मां को ही मादक पदार्थों की बिक्री का आरोपी ठहरा दिया है। इतना ही नहीं आरोपियों ने पीड़िता को कानपुर के नारी निकेतन भिजवा दिया था।

निर्मल राजपूत
मथुरा:
यूपी पुलिस किसी ना किसी बात को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहती है। वहीं मथुरा पुलिस ने एक बड़ा खेल कर दिया। लव जिहाद और धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी और उसकी मां को बचाने के लिए पुलिस ने पीड़िता की मां को ही मादक पदार्थों की बिक्री का आरोपी ठहरा दिया। वहीं पीड़िता किशोरी की मां ने अपने ऊपर लगाए आरोपों को गलत बताते हुए मामले में जांच कराने के बाद कार्रवाई की मांग की है। लव जिहाद के आरोपी को पुलिस दबाने में जुटी थी, लेकिन मामला मीडिया में आने की वजह से पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद अपनी पीठ भले ही थपथपा ली हो, लेकिन सवाल यह उठता है कि 4 महीने से पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही आखिर क्यों नहीं कर रही थी।

एसपी सिटी एमपी सिंह का कहना है कि थाना यमुनापार में एक नाबालिग बच्ची के द्वारा दूसरे समुदाय के खिलाफ एक प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमें पीड़िता ने आरोप लगाया हैं कि उसका अपहरण कर लिया है और धर्म परिवर्तन कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। एसपी सिटी ने कहा कि लड़की की मां मादक पदार्थों की बिक्री करती है और वह जेल भी जा चुकी है। जब वह जेल में थी तो उसकी लड़की अकेली थी। उन्होंने कहा कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जो धाराएं किसी कारणवश लव जिहाद या धर्म परिवर्तन कि नहीं लगाई गई थी, जांच के बाद उन्हें लगाया जाएगा। 

पीड़िता की मां ने एसपी सिटी के आरोपों को बताया गलत
वहीं पीड़िता की मां का कहना है कि एसपी सिटी द्वारा लगाए गए आरोप गलत हैं। मैं कभी जेल नहीं गई, लड़के की मां स्मेक बेचने का काम करती है। उसकी मां जेल गई है, इसकी जांच कराई जाए और सभी को पता है कि पुलिस का सानिध्य आरोपियों के परिवार को मिला है। 3 महीने तक घर में कैद करके नाबालिग किशोरी को रखा और जब दबाव बढ़ता गया तब आरोपी को लगा कि पीड़िता की मां अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा रही है, तो आरोपी ने कुछ पुलिस वालों से मिलकर नाबालिग पीड़िता को मथुरा से दूर कानपुर नारी निकेतन भेज दिया। एसपी सिटी मार्तंड प्रकाश सिंह का कहना है कि नाबालिक लड़की को पुलिस ने बरामद किया है। जबकि लड़की की मां उसे स्वयं कानपुर नारी निकेतन से लेकर आई है। लड़की की मां कभी एनडीपीएस में जेल नहीं गई जबकि आरोपी मोसिम कुरेशी की मां एनडीपीएस में जेल गई थी। आरोपी की मां का अवैध मादक पदार्थों की बिक्री का धंधा जमुनापार में पुलिस की सह पर चलता है। 

चार महीने तक पीड़िता की मां काटती रही थानों के चक्कर
जब मीडिया में खबर पहुंची तो पुलिस हरकत में आई और पोक्सो एक्ट और दुष्कर्म की धाराओं को केस में बढ़ाया गया। पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि 4 महीने तक पीड़िता की मां अधिकारियों के दरवाजे के चक्कर काटती रही, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। आखिर नाबालिग पीड़िता को कानपुर नारी निकेतन भिजवाने के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं। घटना को दबाने में दोषी पुलिसकर्मी और शामिल लोगों पर कब कार्यवाही होगी। 4 महीने बाद तत्कालीन एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर के मामला संज्ञान में आया तो एसएसपी ने तत्काल एफआईआर के आदेश कर दिए। थाना जमुनापार पुलिस ने फिर आरोपी मौसिम कुरैशी और उसके परिजनों के खिलाफ आरोपी के बचाव करते हुए धारा 363 ,366 ,504 और 506 में रिपोर्ट दर्ज कर दी, जबकि मामला दुष्कर्म और पोस्को एक्ट के तहत दर्ज होना था।

तीन महीने तक पीड़िता को कैदकर किया शारीरिक शोषण
पीड़िता और उसकी मां ने बताया कि लगातार आरोपी मोसिम कुरेशी पीड़िता पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बना रहा था और 3 महीने तक उसे घर में कैद कर शारीरिक और मानसिक शोषण किया। पुलिस से सांठगांठ कर 1 महीने के लिए उसे नारी निकेतन भेज दिया। पीड़िता की मां अपनी बेटी को नारी निकेतन से लेकर घर आई। नाबालिग पीड़िता और उसकी मां को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थी और आरोपी परिवार लगातार पीड़ित परिवार पर राजीनामा का दबाव बना रहा है। पीड़िता की मां ने बताया है कि आरोपी और उसकी मां का मादक पदार्थों की बिक्री का बड़ा अवैध कारोबार हैं। जो पुलिस ने सांठगांठ कर रखती है। उसी के बल पर कार्यवाही नहीं हुई और वह अब हमें किसी न किसी माध्यम से आरोपी धमका रहा था। बयान दर्ज होने के के दौरान भी कुछ पुलिसकर्मियों ने पीड़िता को धमकाने का भी आरोप लगे हैं। 

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