सार
हाथ में मेंहदी और नाखून पर फॉर्मूला लिख नकल का मामला सामने आया है। इस तरीके के बाद प्रोफेसर तक हक्का-बक्का रह गए। मामले में अत्याधुनिक तरीको के साथ ही पर्ची आदि का इस्तेमाल भी सामने आया है। फिलहाल नकलचियों के मिलने के बाद अब मॉनिटरिंग को और भी सख्त कर दिया गया है।
मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में परीक्षाओं के दौरान नकल के चौंकाने वाले तरीके सामने आए हैं। छात्र यहां इलेक्ट्रानिक डिवाइस का इस्तेमाल नहीं बल्कि ऐसे तरकीबों का इस्तेमाल कर रहे थे जिस पर किसी को भी शक न जाए। छात्रों ने नाखून पर फॉर्मूले लिख रखे थे। इसी के उन्होंने नकल के लिए ऐसे तरीकों का इस्तेमाल किया जिससे आपको दूर से उनके हाथ पर मेहंदी की डिजाइन लगी नजर आएगी। हालांकि गहन जांच के बाद उन्हें पकड़ा जा सका। यहां से बड़ी संख्या में नकलचियों की धरपकड़ हुई है। वहीं यहां प्रिंटेंड पर्चियों का इस्तेमाल भी धड़ल्ले से किया जा रहा था।
फिरा नकल की उम्मीदों पर पानी
नकल के इन तरीकों को देखकर बड़े-बड़े प्रोफेसर दंग रह गए। यह सभी तरीके चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से संबद्ध कॉलेजों से सामने आए हैं। जहां से तकरीबन 250 नकलची पकड़े गए हैं। इनमें खास बात है कि एक छोटे से लाखून पर इनके द्वारा 8 लाइन तक के प्रश्न के उत्तर लिखे थे। यही नहीं कुछ ने तो मेंहदी के डिजाइन का फायदा नकल के लिए उठाया था। हालांकि उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।
बताया गया कि भारी संख्या में छात्र-छात्राओं के पास स्मार्ट वाच भी पाई गई है। नकल रोकने के लिए सचल दल के कॉर्डिनेटर डॉ. शिवराज सिंह पुण्डीर ने जानकारी दी कि छात्र-छात्राएं नकल के हाईटेक तरीकों का इस्तेमाल कर रहे थे। परीक्षा केंद्रों पर वह मोबाईल का ब्लूटूथ ऑन कर जाते थे जिससे सभी डिवाइस का पता लग जाता था। हालांकि यहां कई जगहों पर छोटी-छोटी पर्चियों का दौर भी देखने को मिला। इस बीच नाखून पर लिखकर नकल का मामला पहली बार संज्ञान में आया। नकलचियों को पकड़ने के लिए बाकायदा सीसीटीवी की मॉनिटरिंग भी की जा रही है।