सार
यूपी के मेरठ जिले में ठेकेदार की करोड़ों की जमीन हथियाने और मानसिक रूप से बीमार बेटी से छुटकारा पाने के लिए सौतेले पिता ने नाबालिग की हत्या कर दी। पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने पर आरोपी पिता ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। नाबालिग बेटी के चाल-चलन पर शक के चलते सौतेले पिता ने अपनी बेटी को मौत के घाट उतार दिया। इसके लिए उसने एक तरकीब सोची। जिसके तहत आरोपी ने ठेकेदार को बेटी की हत्या का आरोपी बताकर उसकी करोड़ों की जमीन कब्जाने की योजना बना ली। एक तीर से दो निशाने साधने के लिए आरोपी पिता ने अपनी 15 साल की बेटी पिंकी को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए सारा सच उगल दिया। आरोपी पिता विनोद की जुबान लड़खड़ाते ही हत्या की पूरी गुत्थी सुलझ गई। जांच में सामने आया कि आरोपी एक तीर से दो निशान साधने की कोशिश कर रहा था। यह मामला किठौर थाना क्षेत्र के तेजपुरी गांव का है।
एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश
आरोपी को पिंकी के चरित्र पर शक था। बताया जा रहा है कि बेटी मानसिक रूप से बीमार थी। आरोपी बेटी को मारकर खादर में डेरावाला में खेती-बाड़ी करना चाहता था। जिसमें ठेकेदार कालू अड़ंगा लगा रहा था। इसलिए अपने मकसद को पूरा करने के लिए विनोद ने बेटी की हत्या का जिम्मेदार कालू को बनाकर उसे फंसाने की योजना बना ली। तेजपुरी गांव में पिंकी को सात दिन पहले गोली लगी थी। नाबालिग को ये गोली खुद उसके पिता ने मारी थी। हत्या के बाद आरोपी विनोद ने पुलिस को जानकारी दी कि परीक्षितगढ़ शेरावानी गांव निवासी कालू ने उसकी बेटी की हत्या कर दी। पुलिस ने पिता की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया और मामले की जांच में जुट गई। आरोप है कि ठेकेदार कालू के पास विनोद ने भी कुछ समय काम किया था।
जमीन पर कब्जे के लिए बनाया हत्या का प्लान
आरोपी ने पुलिस को बताया कि कालू पर कुछ रुपए बकाया थे। खादर में बाबा बिसरा सिंह की जमीन की देखरेख ठेकेदार कालू करते हैं। बढ़ला आलमगीर गांव के कुछ लोग जमीन पर कब्जा करने के लिए लगे हुए थे। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद चल रहा था। इस दौरान आरोपी विनोद ने दूसरे पक्ष से सेटिंग कर ली। आरोपी का मकसद था कि अगर ठेकेदार कालू हत्या के मामले में जेल चला जाएगा तो बाबा बिसरा सिंह की जमीन पर उसका कब्जा हो जाएगा। इसी के चलते दूसरे पक्ष ने विनोद को मोहरा बनाया। पुलिस ने जब इस मामले की पूछताछ शुरू की तो आरोपी विनोद बार-बार अपने बयान बदल रहा था। जिसके बाद मामला खुलता चला गया। सीओ किठौर अमित कुमार राय ने बताया कि पिंकी को गोली लगी थी और आसपास के लोगों को इस मामले की जानकारी ही नहीं थी। ऐसी वारदात होने पर अमूमन घटनास्थल पर आसपास के लोग एकत्र हो जाते हैं।
पुलिस ने आरोपी पिता को किया गिरफ्तार
पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि मृतका पिंकी मानसिक रूप से बीमार थी। 8 साल पहले आरोपी से पिंकी की मां की शादी हुई थी। इससे पहले भी वह अपनी बेटी को मारने की बात कहता था। इस बात का फायदा उठाकर दूसरे पक्ष ने विनोद को पैसों का लालच दिया कि वह ठेकेदार कालू को हत्या का आरोपी बना दे। इसके लिए आरोपी पक्ष ने विनोद को एडवांस में कुछ रुपए भी दिए थे। पुलिस ने इस हत्या के मुख्य आरोपी विनोद को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि पिंकी की हत्या में कौन-कौन शामिल है, इसकी जानकारी अभी किठौर पुलिस जुटाने में लगी हुई है। इस मामले में जो आरोपी होगा, उसको पुलिस गिरफ्तार करेंगी।
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