सार
एक ओर जहां सपा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का खुलकर विरोध कर रही है। वहीं, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने सीएए और एनआरसी का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा, मैं सीएए और एनआरसी के साथ हूं।
लखनऊ (Uttar Pradesh). एक ओर जहां सपा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का खुलकर विरोध कर रही है। वहीं, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने सीएए और एनआरसी का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा, मैं सीएए और एनआरसी के साथ हूं। सपा को भी इसको लेकर अपने स्टैंड के बारे में सोचना चाहिए। जो भी बात देशहित में होगी, अपर्णा उसके साथ रहेगी। जो भारत के हैं, उन्हें इन दोनों से कोई दिक्कत नहीं है।
सीएए में मुसलमानों को अलग करने की बात नहीं
अपर्णा ने कहा, देश में लोगों को सीएए और एनआरसी के बारे में जानकारी होनी चाहिए कि कितने लोग बाहर से आ रहे हैं, कौन लोग बाहर से आ रहे हैं और कहां से आ रहे है। लिबरल और लेफ्ट पार्टियों को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। अराजक और नकारात्मक लोग ही इसके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। कोई भारतीय इसके विरोध में नहीं है।
सीएए कानून का करना चाहिए स्वागत
वो कहती हैं, सीएए हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई किसी के खिलाफ नहीं है। इसमें मुसलमानों को अलग करने की बात नहीं कही गई है। अगर हमें लाइन में भी लगना पड़े, तो भी कोई दिक्कत नहीं है। देश के जवान सरहद पर खड़े रह सकते हैं, तो क्या हम नागरिकता के लिए लाइन में नहीं लग सकते? हमें शर्म क्यों आ रही है, इस मसले पर फालतू की बहस क्यों हो रही है? अराजकता जैसा माहौल क्यों बनाया जा रहा? अगर हम भारतीय हैं, तो हमें इस कानून का स्वागत करना चाहिए।
लखनऊ में भी बढ़ गई है घुसपैठ की समस्या
अपर्णा ने कहा, घुसपैठ का मामला बहुत गंभीर हो चुका है। लखनऊ जैसे शहर में बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या गंभीर है। मैं यह नहीं कहती कि उन्हें बाहर करिए, लेकिन पहचान जरूर होनी चाहिए। हम इतने संसाधन कहां से लाएंगे, जिससे इतने बाहरी लोगों को खिला पाएं। अमेरिका जैसा देश अपने यहां सिटीजनशिप ला चुका है, उसने बहुत कड़े कदम उठाए हैं। वहां कभी धर्म जैसी बात नहीं हुई।
अखिलेश ने कहा, सीएए की वजह से खराब हुई देश की छवि
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर कहा, CAA की वजह से दुनिया भर में हमारे देश की छवि को अपूरणीय क्षति हुई। विश्व के कई नामी विश्वविद्यालयों में भी विरोध प्रदर्शन हुए। भाजपा का राजहठ देश के भविष्य के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।