सार
यूपी के मथुरा जिले में भगवान श्री कृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ भूमि को लेकर चल रहे विवाद में अब तक एक दर्जन से अधिक याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। कोर्ट में आज श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास की याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई की अग्रिम तारीख 11 जुलाई मुकर्रर की है।
निर्मल राजपूत
मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह विवाद मामले पर आज अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह के दावे पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में 45 मिनट तक बहस हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन ने श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले की सुनवाई की तारीख 11 जुलाई मुकर्रर की है। गुरुवार को जिला न्यायालय के सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना निर्णय सुनाया। वहीं श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मुस्लिम पक्ष 7 रूल 11 पर सुनवाई के बहाने केस को लटकाने भटकाने का प्रयास कर रहा है।
कोर्ट ने आदेश की कॉपी कोर्ट व प्रतिवादियों को दें
पूर्व में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से संबंधित एक अन्य दावा जो अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री सहित कई कृष्ण भक्तों द्वारा दाखिल किया है। उसके रिवीजन को स्वीकार करते हुए जिला अदालत ने कहा था कि यहां प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट और लिमिटेशन एक्ट लागू नहीं होता और भक्त को भगवान की प्रॉपर्टी के लिए दावा दायर करने का अधिकार है। फिर भी बार-बार मुस्लिम पक्ष यही दलील दे रहा है और 7 रूल 11 पर फिर से बहस चाहता है। कोर्ट में हिन्दू पक्ष ने श्री कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित राजस्व दस्तावेज और जिला अदालत के आदेश की कॉपी मांगी। कोर्ट ने कहा कि जिला अदालत के आदेश की कॉपी एक कोर्ट में और दूसरी प्रतिवादियों को दें।
मुगलकाल से लेकर सभी दस्तावेज हिंदू पक्ष के
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने राजस्व अभिलेख और अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री के दावे के रिवीजन में जिला अदालत के आदेश की कॉपी सिविल कोर्ट और प्रतिबादियो को दे दी है। हिंदू पक्ष का कहना है कि जल्द से जल्द विवादित स्थल की वास्तविक स्थिति जानने के लिए वहां कोर्ट कमिशन भेज कर रिपोर्ट मंगवाई। सभी दस्तावेज हिंदुओं के पक्ष में है और श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट जमीन का असली मालिक है। भगवान श्रीकृष्ण के मूलगर्भ गृह को तोड़कर औरंगजेब द्वारा अवैध रूप से यहां पर ईदगाह का निर्माण कराया गया था। मुस्लिम के पक्ष के पास कोई भी दस्तावेज नहीं है। मुगल काल से लेकर अब तक के सभी दस्तावेज यह साबित करते हैं कि यह जमीन हिंदू पक्ष की है।
7 रूल 11 पर बहस करना चाहता है मुस्लिम पक्ष
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता शाही ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद ने कहा के हम 7 रूल 11 पर बहस करना चाहते हैं। हिंदू पक्ष ने जिला अदालत में दूसरे दावे पर हुई बहस का हवाला दिया है। जिसको हमने हाई कोर्ट में चैलेंज भी किया है। आज जो दस्तावेज हमने मांगे थे। उनकी कॉपी वादी पक्ष ने काफी लेट हमें दी है। कोर्ट से आज हमने अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा है। हम दस्तावेजों को देखेंगे और अब 11 जुलाई अगली तारीख पर अपना ऑब्जेक्शन दाखिल करेंगे।
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