सार
यूपी के गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण ने खुद के वीडियो वायरल होने के बाद 5 आईपीएस अफसरों पर उनको बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इसको लेकर उन्होंने डीजीपी और अपर मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है।
लखनऊ (Uttar Pradesh). यूपी के गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण ने खुद के वीडियो वायरल होने के बाद 5 आईपीएस अफसरों पर उनको बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इसको लेकर उन्होंने डीजीपी और अपर मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है। मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद संज्ञान लेते हुए आईजी रेंज मेरठ आलोक सिंह से जांच रिपोर्ट मांगी है। बता दें, मामले के जांच की जिम्मेदारी मेरठ रेंज के एडीजी आलोक सिंह की निगरानी में एसपी हापुड़ संजीव सुमन को सौंपी गई है।
एसएसपी ने इन आईपीएस पर लगाया आरोप
वैभव कृष्ण का कहना है, मैंने पत्रकारिता के नाम पर संगठित गिरोह चलाने वाले कथित पत्रकारों उदित गोयल, सुशील पंडित व चंदन राय को जेल भेजा था, इसी मामले में लखनऊ के नितीश शुक्ला के खिलाफ भी कार्रवाई हुई थी। चंदन की आईपीएस अजयपाल शर्मा, आईपीएस सुधीर सिंह, आईपीएस हिमांशु कुमार, आईपीएस राजीव नारायण मिश्रा और आईपीएस गणेश साहा के साथ ट्रांसफर पोस्टिग को लेकर की गई बातचीत व वाट्सएप चैटिंग सामने आई थी। उसी समय से मेरे खिलाफ लगातार साजिश हो रही है। अब निजी तौर पर बदनाम करने के लिए फेक वीडियो वायरल किए जा रहे।
क्या है एसएसपी के वीडिया वायरल का मामला
कथित वीडियो बुधवार देर शाम वायरल हुआ था। इसमें एसएसपी लेटे हुए लड़की से चैटिंग करते दिखाई दे रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस वीडियो को चैट करने वाली लड़की ने खुद ही रिकार्ड किया है और फिर उसे वायरल किया।
वीडियो वायरल होने पर एसएसपी ने कही थी ये बात
कथित वीडियो वायरल होने के बाद एसएसपी वैभव कृष्ण ने कहा था, मेरे नाम से 3 फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं। उसमें पीछे से किसी लड़की की आवाज सुनाई दे रही। यह साजिश के तहत मुझे बदनाम करने के लिए वायरल किए गए। इस संबंध में विधिक कार्रवाई के लिए थाना सेक्टर 20 नोएडा में एफआइआर पंजीकृत की जा रही है। पुलिस महा निरीक्षक मेरठ से अनुरोध कर इसकी विवेचना किसी अन्य जिले से निष्पक्ष रूप से कराए जाने का अनुरोध किया जाएगा। ताकि इन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
4 आईपीएस पर आरोप से पहले एसएसपी ने कही थी ये बात
एसएसपी ने कहा, पिछले एक साल में कई संगठित अपराध, अपराधियों और कई भ्रष्टाचार के मामले का खुलासा किया गया। कई सफेदपोश दलाली एवं एक्सटॉर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। ऐसा लग रहा है कि इन सब कारणों से तिल मिलाकर व्यक्तिगत छवि खराब करने के लिए इस तरीके की हरकत की गई।