सार

कलेक्ट्रेट के नाजिर पवन श्रीवास्तव अपने कार्यालय में बुजुर्ग चपरासी से पैर दबवाते हुए कैमरे में कैद हो गए।

रायबरेली(Uttar Pradesh). सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की मंशा को दरकिनार कर अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय में अपनी मनमानी चलाने में आमादा हैं। ऐसा ही कुछ एक मामला रायबरेली जिला कलेक्ट्रेट में सामने आया जो पूरे जिले में चर्चा का विषय बना है। दरअसल, कलेक्ट्रेट के नाजिर पवन श्रीवास्तव अपने कार्यालय में बुजुर्ग चपरासी से पैर दबवाते हुए कैमरे में कैद हो गए। जिलाधिकारी कार्यालय के ठीक सामने स्थित नजारत ऑफिस में तैनात नाजिर के पैर दबावाने की चर्चा जब आम हुई तो अधिकारियों ने मामले में जांच का आदेश दिया है।

रायबरेली कलेक्ट्रेट में स्थित नजारत में तैनात नाजिर पवन कुमार श्रीवास्तव अपने ही कार्यालय में बुजुर्ग चपरासी राम लखन से पैर दबवा रहे थे, इसी बीच एक शख्स इसका वीडियो अपने कैमरे में कैद करने लगा, लेकिन जैसे ही उनकी नजर कैमरे पर पड़ी तत्काल बेंच पर लेटे नाजिर ने चपरासी को अपने से दूर कर दिया। फिर उठ कर कार्यालय से बाहर जाने लगा। जब उससे पूछा गया कि आप ने शराब पी रखी है तो इस पर ज्यादा कुछ जवाब भी नाजिर नहीं दे पाया। इस मामले पर जब अपर जिलाधिकारी प्रशासन राम अभिलाष से बात की गई तो उन्होंने नजारत के मामले को सिटी मजिस्ट्रेट के अधिकार क्षेत्र में बताया। हांलाकि इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।

रायबरेली में ही वायरल हुआ था थानेदार का ऑडियो 
गौरतलब है कि हाल ही में रायबरेली जनपद में थाना प्रभारी खीरों का एक ऑडियो खूब वायरल हो रहा था। इस वायरल ऑडियो में थानाध्यक्ष मणिशंकर तिवारी उपनिरीक्षकों और सिपाहियों को घूस मांगने और अवैध कमाई का तरीका समझा रहे थे। वायरल ऑडियो का संज्ञान लेते हुए एसपी स्वप्निल ममगई ने एसओ साहब को सस्पेंड कर दिया था। साथ ही विभागीय जांच बैठाते हुए कार्रवाई की बात भी कही था।