सार
राज्य में काशी की तर्ज पर गंगा की सहायक नदियों पर भी अब विशेष आरती होगी। इसको शुरु नमामि गंगे परियोजना के तहत सूरत बदलेगी। सीवेजों को बंद करने की अंतिम प्रक्रिया चल रही है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में काशी, प्रयागराज और बिठूर में गंगा नदी के तट पर हर शाम होने वाली गंगा आरती का दायरा बढ़ाकर अब गंगा की सहायक नदियों पर भी हर शाम गंगा आरती की शुरुआत होगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में शामिल गंगा स्वच्छता अभियान को विस्तार देते हुए गंगा नदी के साथ उसकी सहायक नदियों को भी संरक्षित करने के नर्दिेश अधिकारियों को दिये हैं।
घाटों की सूरत जाएगी बदल
इसके लिए 'नमामि गंगे परियोजना' के तहत गंगा को स्वच्छ बनाने में जुटी योगी सरकार की नई योजना से सहायक नदियों के घाटों की भी सूरत बदली जायेगी। राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा से मिलने वाली रामगंगा, बेतवा, घाघरा, सरयू, राप्ती, वरुणा, काली, यमुना, हिंडन, गर्गो, केन, गोमती और सई के किनारे घाटों की सूरत बदली जाएगी। इन्हीं नदियों के घाटों को गंगा आरती के व्यापक दायरे में शामिल किया जायेगा।
गंगा मेले जैसे आयोजन होंगे शुरू
इसके तहत नदी के किनारे बने पुराने घाटों को संवारने के साथ गंगा किनारे के गांवों में गंगा मेले जैसे आयोजन भी शुरू होंगे। इस संबंध में नमामि गंगे परियोजना से इन घाटों की सूरत बदलने की योजना को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश अफसरों को दिये गये हैं। गंगा नदी के किनारे घाटों को सुंदर बनाने, नए घाटों को विकसित करने और नदी किनारे बसे गांव में गंगा मेला जैसे आयोजन की कार्ययोजना को तेजी से पूरा करने के लिये कहा गया है।
बंद करने की प्रक्रिया अंतिम चरण
गौरतलब है कि प्रदेश में बिजनौर से शुरू होकर काशी, प्रयागराज, कानपुर के रास्ते बलिया होकर बिहार जाने वाली गंगा में गिरने वाले नालों को बड़े स्तर पर अभियान चलाकर राज्य सरकार ने या तो रोक दिया है या उनको टैप कर दिया गया है। परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यहां बड़े-बड़े एसटीपी बनाये गये हैं और कई जगह पर गंगा में गिरने वाले नालों को बंद करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
नदियों में सीवेज को किया जाएगा बंद
सरकार का ध्यान अब गंगा में मिलने वाली नदियों के प्रदूषण को रोकने पर है, जिससे गंगा को और स्वच्छ बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि तय योजना के मुताबिक प्रदेश भर में गंगा में कहीं न कहीं मिलने वाली नदियों को प्रदूषण मुक्त करने का बीड़ा उठाया गया है। इन नदियों में गिरने वाले सीवेज को चन्हिति करके उनको बंद करने के साथ नदी के दोनों किनारों पर बसे गांव, शहरों और कॉलोनियों के लोगों को जागरूक करने के प्रयास शुरू होंगे। नदियो के घाटों को सुंदर बनाकर स्थानीय लोगों को सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक रूप से जोड़ने की अनूठी योजना भी बनाई गयी है।
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