सार
यूपी विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से बीजेपी और एसपी आमने सामने हैं। वहीं बीएसपी और कांग्रेस ने पहले ही मैदान छोड़ दिया है। कानपुर-बुंदेलखंड में विधान परिषद की चार सीटें हैं। बीजेपी कानपुर-बुंदेलखंड की चारों सीटों को जीत कर क्लीन स्वीप करना चाहती है। लेकिन एसपी ने भी एमएलसी चुनावों को लेकर खास तैयारी की है। बीजेपी और एसपी ने चारों सीटों पर प्रत्याशियों को उतार दिया है।
सुमित शर्मा
कानपुर: यूपी विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से बीजेपी और एसपी आमने सामने हैं। वहीं बीएसपी और कांग्रेस ने पहले ही मैदान छोड़ दिया है। कानपुर-बुंदेलखंड में विधान परिषद की चार सीटें हैं। बीजेपी कानपुर-बुंदेलखंड की चारों सीटों को जीत कर क्लीन स्वीप करना चाहती है। लेकिन एसपी ने भी एमएलसी चुनावों को लेकर खास तैयारी की है। बीजेपी और एसपी ने चारों सीटों पर प्रत्याशियों को उतार दिया है। इसके साथ ही प्रत्याशियों की नामाकंन प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। बीजेपी-एसपी प्रत्याशियों का राजनीतिक इतिहास और बैकग्राउंड समझने की जरूरत है।
कानपुर-बुंदेलखंड बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ है। बीजेपी किसी भी हालत में कानपुर-बुंदेलखंड के किले पर अपनी पकड़ कमजोर नहीं करना चाहती है। यूपी विधानसभा 2022 में कानपुर-बुंदेलखंड की 52 विधानसभा सीटों में 41 सीटों पर कमल खिला है। बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कानपुर-बुंदेलखंड की 52 सीटों में से 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इतना ही नहीं बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2019 में कानपुर-बुंदेलखंड की 10 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस लिए कानपुर-बुंदेलखंड बीजेपी का सबसे मजबूत किला कहा जाता है।
बीजेपी ने साधा जातीय समीकरण
कानपुर-बुंदेलखंड में बीजेपी ने एमएलसी चुनावों के लिए जातीय समीकरण को ध्यान में रखा है। बीजेपी ने क्षत्रीय, ब्राह्मण और पटेल बिरादरी पर दांव लगाया है। वहीं एसपी ने अपना फोकस ओबीसी प्रत्याशियों पर रखा है। बीजेपी और एसपी ने अनुसूचितजाति और अनुसूचितजन जाति पर दांव नहीं लगाया है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा भी चल रही है।
झांसी-जालौन एमएलसी सीट
कानपुर-बुंदेलखंड की झांसी-जालौन सीट से बीजेपी ने कुर्मी बिरादरी की रमा रंजन को मैदान में उतारा है। रमा निरंजन का अपना राजनीतिक रसूख है। रमा निरंजन एसपी से एलएलसी रह चुकी हैं। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले रमा निरंजन पति आरपी निरंजन के साथ बीजेपी में शामिल हो गईं थी। संगठन ने रमा निरंजन पर भरोसा जताया है। इस सीट पर बीजेपी के कई दिग्गज भी दावेदारी कर रहे थे। लेकिन अंतिम समय में रमा निरंजन को पार्टी ने फाइनल कर दिया। उन्हे संगठन के भीतर बागी तेवरों का भी सामना करना पड़ रहा है। एसपी ने झांसी-जालौन सीट से श्याम सुंदर को उतारा है। श्याम सुंदर दो बार एसपी की टिकट से एमएलसी रह चुके हैं।
इटावा-फर्रूखाबाद एमएलसी सीट
कानपुर-बुंदेलखंड की इटावा-फर्रूखाबाद एमसलसी सीट पर बीजेपी ने भाजयुमों के प्रदेश अध्यक्ष प्रांशूदत्त द्धिवेदी को मैदान में उतारा है। ब्राह्मण बिरादरी से आते हैं। बीजेपी ने प्रांशूदत्त को प्रत्याशी बनाकर ब्राह्मण, क्षत्रीय और ओबीसी वोटरों को साधने का काम किया है। वहीं एसपी हरीश कुमार यादव को उतारा है। हरीश यादव पुलिस विभाग में दारोगा पद से रिटायर हैं। हरीश वर्तमान में मोहम्मदाबाद नगर पंचायत अध्यक्ष भी हैं।
बांदा-हमीरपुर एमएलसी सीट
कानपुर-बुंदेलखंड की बांदा हमीरपुर एमएलसी सीट से बीजेपी ने जितेंद्र सिंह सेंगर को उतारा है। जितेंद्र सिंह सेंगर महोबा जिले में बीजेपी के जिलाध्यक्ष हैं, और पेशे से अधिवक्ता भी हैं। बीजेपी प्रत्याशी जितेंद्र सिंह सेंगर की संगठन में जबर्दस्त पकड़ है। विधानसभा चुनावों में उन्होने पार्टी के लिए दिन-रात काम किया है। वहीं एसपी ने बांदा-हमीरपुर सीट से आनंद कुमार को प्रत्याशी बनाया है। आनंद कुमार रेत के बड़े कारोबारी हैं। इनका अपराधिक रेकॉड भी है, आनंद पर एससीएसटी एक्ट, अपहरण समेत कई मुकदमें दर्ज हैं।
कानपुर-फतेहपुर एमएलसी सीट
कानपुर-फतेहपुर एमएलसी सीट से बीजेपी ने अवनीश सिंह चौहान को उतारा है। अवनीश सिंह चौहान कानपुर देहात के जिलाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही एक डिग्री कॉलेज का संचालन भी करते हैं। अविनाश ने एक छोटे कार्यकर्ता के रूप में बीजेपी ज्वाईंन की थी। उनकी मेहनत को देखते हुए, संगठन ने कानपुर देहात का जिलाध्यक्ष बनाया था। अविनाश सिंह चौहान ने जिला पंचायत चुनाव से विधानसभा चुनाव कड़ी मेहनत की थी। उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि बीजेपी ने कानपुर देहात की चारो सीटें जीत कर क्लीन स्वीप कर दिया। इसी का नतीजा है कि बीजेपी के खाते में कानपुर देहात की चारो सीटे गईं हैं। संगठन ने भी उन्हे प्रत्याशी बनाकर उनकी मेहनत का इनाम दिया है।
कानपुर-फतेहपुर सीट पर एसपी ने दिलीप सिंह यादव उर्फ कल्लू यादव को मैदान में उतारा है। कल्लू यादव ने 2016 के एमएलसी चुनाव में बीएसपी के सिटिंग एमएलसी अशोक कटियार को हराया था। कल्लू यादव की गिनती एसपी के कद्दावर नेताओं में होती है।
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