सार

उरई में अजान के वक्त लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ करने पर कार्रवाई हुई। मामले में कार्रवाई के खिलाफ संत ने धरना शुरू कर दिया है। संत की ओर से गांधी चबूतरे पर धरना शुरू किया गया है। आरोप है कि सिटी मजिस्ट्रेट ने बिना जांच के ही कार्रवाई की है।

उरई: अजान के समय लाउडस्पीकर लगा हनुमान चालीसा का पाठ करने के आरोप में कोतवाली पुलिस ने एक संत के विरुद्ध शांतिभंग में कार्रवाई की है। इस कार्रवाई से भड़के संत ने सिटी मजिस्ट्रेट और कोतवाली पुलिस के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए अनशन शुरू किया। यह अनशन कड़ी धूम में गांधी चबूतरे पर किया गया। संत ने आरोप लगाया कि बिन जांच के मामले में कार्रवाई हुई है। जो भी आरोप लगाए गए हैं वह पूरी तरह से निराधार हैं। 

लाउडस्पीकर का नहीं हुआ इस्तेमाल
संत का कहना है कि स्टेशन रोड से मस्जिद से सामने मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करवाया गया था। इस दौरान किसी भी तरह के लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया गया। सिटी मजिस्ट्रेट के द्वारा बिना जांच ही कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई से संत समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। संत ने मामले में जिम्मेदार अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई न होने तक आमरण अनशन जारी रखने की बात की है। 

धूप में बैठे संत की मान-मनौव्वल
संत के धूप में बैठने के बाद कोतवाली प्रभारी शिव कुमार राठौर मौके पर पहुंचे। संत ने काफी मान-मनौव्वल की। हालांकि वह नहीं माने। कहा गया कि मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा का पाठ हो रहा था। इस आरोप में ही शांति भंग की कार्रवाई हुई। संत का कहना है कि उन्होंने लाउडस्पीकर लगाकर पाठ नहीं कराया। बावजूद इसके झूठी शिकायत पर सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से कार्रवाई की गई। इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हैं। 

मामले में फिलहाल संत को मनाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि इस बीच संत का साफतौर पर कहना है कि जब तक अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती है तब तक वो नहीं मानेंगे। मामले को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को भी सूचित कर दिया गया है। 

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