सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसी के साथ काशी टेंट सिटी का भी उद्घाटन पीएम मोदी के द्वारा वर्चुअली किया गया। इस दौरान सीएम योगी मंच पर मौजूद रहें।
वाराणसी: पीएम मोदी ने बटन दबाकर गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाई और रवाना किया। इसी के साथ ही उन्होंने टेंट सिटी का भी उद्घाटन किया। पीएम मोदी के क्रूज को रवाना करने के दौरान तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा कार्यक्रम स्थल गूंज उठा। इसी के साथ पीएम ने काशी को तमाम सौगात दी हैं।
'गंगा जी सिर्फ जलधारा नहीं, ये भारत की तप-तपस्या की साक्षी'
गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाने दौरान पीएम मोदी के द्वारा कहा गया कि इस सबसे लंबी नदी जलयात्रासे पूर्व भारत के अनेक पर्यटन स्थल, वर्ल्ड टूरिज्म मैप में और भी अधिक प्रमुखता के साथ आने वाले हैं। काशी में गंगा पार पर बनी टेंट सिटी में भी वहां आने और रहने का एक और बड़ा कारण देश-दुनिया के पर्यटकों-श्रद्धालुओं को मिला है। गंगा जी हमारे लिए सिर्फ एक जलधारा भर नहीं है। बल्कि ये प्राचीन काल से महान भारत की तप-तपस्या की साक्षी हैं। भारत की स्थितियां-परिस्थितियां कैसी भी रही हों लेकिन मां गंगा ने हमेशा कोटि-कोटि भारतीयों को पोषित और प्रेरित किया है। क्रूज टूरिज्य का ये नया दौर इस क्षेत्र में हमारे युवा साथियों को रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर भी देगा। विदेशी पर्यटकों के लिए तो ये आकर्षण होगा ही, देश के भी जो पर्यटक पहले ऐसे अनुभवों के लिए विदेश जाते थे वह अब पूर्वी-उत्तर पूर्वी भारत का रुख कर सकेंगे।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि 21वीं सदी का ये दशक भारत के इंफ्रास्ट्र्क्चर के कायाकल्प का दशक है। इस दशक में भारत के लोग आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की वो तस्वीर देखने जा रहे हैं जिसकी कल्पना तक मुश्किल थी। जलमार्ग पर्यावरण की रक्षा के लिए भी अच्छा है और पैसे की बचत भी करता है।
सीएम योगी के साथ कई बड़े नेता भी रहे मौजूद
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री आज राज्य में 5 नए घाटों का उद्घाटन करेंगे। काशी आज एक नई पहचान के साथ आगे बढ़ रही है। इसी के साथ वाराणसी में भी अब पर्यटन और रोजगार में बढ़ोत्तरी हुई है। रविदास घाट पर सीएम योगी के साथ ही मंच पर कई दिग्गज नेता भी मौजूद रहें। कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने अपना संबोधन दिया। इस बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में जुड़े हुए थे।
51 दिनों में 3200 किलोमीटर का तय होगा सफर
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने दुनिया के सबसे लंबे जलमार्ग पर चलने वाली गंगा विलास क्रूज यात्रा को शुक्रवार को वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा काशी से बोगीबील तक 3200 किलोमीटर की होगी। रोमांचक यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक शामिल होंगे। काशी से बोगीबील तक जाने वाला यह क्रूज 15 दिनों तक बांग्लादेश से गुजरेगा। इसके बाद यह असम से ब्रह्मपुत्र नदी से डिब्रूगढ़ तक जाएगा। यात्रा के दौरान यह क्रूज यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम की तकरीबन 27 नदियों से होकर गुजरेगा। वास्तुशिल्प के लिहाज से यह यात्रा 50 से अधिक जगहों पर रुकेगी। वहीं इस यात्रा को महज 51 दिन में पूरा किया जाएगा। क्रूज में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटकों को तमाम जगहों को देखने और समझने का अवसर मिलेगा।
तमाम सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया क्रूज
गंगा क्रूज के डायरेक्टर राज सिंह की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार क्रूज पूरी तरह से भारत में निर्मित है। देशभर के कई राज्यों के 40 क्रू के सदस्य इसमें शामिल है। क्रूज की लंबाई साढ़े 62 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है। इसके अंदर पर्यटकों के रहने के लिए कुल 18 सुइट्स है। इन सुइट्स को लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसमें 40 सीटर रेस्टोरेंट, स्पा रूम, तीन सनडेक भी हैं। इसी के साथ म्यूजिक सिस्टम का भी बेहतर इंतजाम किया गया है।